दुखद: सीमा पर देश की सेवा करने वाले जवानों के लिए नहीं कोई पेंशन सुविधा

सीमा पर देश की सेवा करने वाले जवानों के लिए नहीं कोई पेंशन सुविधा

– कर्मचारियों हेतु पे कमीशन 10 वर्ष में, लेकिन विधायकों हेतु तीन-चार वर्ष में
– अर्धसैनिक बलों के जवानों को पेंशन नहीं लेकिन इन गरीबों को है
– विधायक जनसेवक हैं या सरकारी सेवक

देहरादून। विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं रघुनाथ सिंह नेगी ने आज अपना एक ब्यान जारी करते हुए कहा कि, देश का दुर्भाग्य जहां कर्मचारियों हेतु 10 वर्ष में वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं वहीं गरीब (करोड़पति) विधायकों के वेतन/भत्ते हर तीन-चार वर्ष में अप्रत्याशित तौर पर बढ़ जाते हैं। (सदस्यों की उपलब्धियां एवं पेंशन अधि.) के सेक्शन 3, 4 व 5 द्वारा वर्ष 2005 में इन गरीब विधायकों का वेतन 2,000 से बढ़कर 3,000 तथा निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 5,000 से बढ़कर ₹7500, वर्ष 2008 में वेतन ₹3000 तथा भत्ता 15,000, वर्ष 2010 में वेतन 5,000 तथा भत्ता 30,000, वर्ष 2014 में वेतन 10,000 तथा भत्ता 60,000 तथा इसी प्रकार वर्ष 2018 में वेतन 30,000 तथा भत्ता 1,50,000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया।

रेलवे कूपन के रूप में ईंधन भत्ता वर्तमान में लगभग ₹27000 प्रतिमाह, जनसेवा, सचिव, चालक व अन्य भत्तों में भी अप्रत्याशित वृद्धि की गई। इस प्रकार एक गरीब विधायक लगभग 3.25 लाख रुपए प्रतिमाह का हकदार हो गया। इसी प्रकार विधायक निधि के खेल में भी बहुत बड़ा खेल है। इससे बड़ा दुर्भाग्य एवं भद्दा मजाक क्या हो सकता है कि, सीमा पर देश की सेवा करने वाले जवानों के लिए पेंशन सुविधा नहीं (एनपीएस, जोकि इनका ही निवेश है) लेकिन इनको पेंशन व अन्य सुविधाएं भी मान्य है। काश! मा. न्यायपालिका इस अंधेर गर्दी के खिलाफ स्वत संज्ञान लेती।