Exclusive: पर्वतजन के संपादक की गिरफ्तारी पर सभी पत्रकारों ने किया सांकेतिक धरने का एलान

पर्वतजन के संपादक की गिरफ्तारी पर सभी पत्रकारों ने किया सांकेतिक धरने का एलान

 

कल पत्रकार गाँधी पार्क पर गाँधी प्रतिमा के नीचे 11 बजे से 1 बजे तक करेंगे सांकेतिक धरना….

– प्रदेश सरकार की चुप्पी और पुलिस की दमनात्मक व उत्पीड़क कार्यवाही के विरोध में राज्यपाल से हस्तक्षेप हेतु….

देहरादून। आज उत्तराखण्ड पत्रकार संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में उज्जवल रेस्टोरेंट में हुई एक आपात बैठक में लगभग डेढ़ दर्जन पत्रकार/मीडिया संगठनों की मध्यस्थता में एक राय होकर निर्णय लिया गया कि, कल 26 नवम्बर मंगलवार को प्रातः 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक दो घण्टे का सांकेतिक धरना राजपुर रोड स्थित गाँधी पार्क पर दिया जाएगा।

 

बता दें कि, मीटिंग में सम्मिलित सभी लगभग 50 से अधिक पत्रकारों ने मीडिया व पत्रकारों के साथ निरन्तर हो रहे उत्पीड़न व हाल ही में (चार दिन पूर्व) एक पत्रकार साथी शिव प्रशाद सेमवाल के विरुद्ध पुलिस के अनुचित, अव्यवहारिक, अमानवीय, एकपक्षीय क्रूरतम कार्यवाही के अन्तर्गत उत्पीड़न किये जाने व दुर्भावना से प्रेरित होकर तथाकथित निराधार व तथ्यहीन झूठी FIR पर की गई कार्यवाही और गिरफ्तारी व गिरफ्तारी के तरीके जो एक शातिर अपराधी की भांति अपनाए जातें हैं, व्यवहार के साथ-साथ कुछ का कुछ दर्शा कर जो कार्यवाही की गई वह आपत्तिजनक व अपमानजनक है।

 

इस क्रम में यह भी संज्ञान में आया कि, सम्बंधित पुलिस अधिकारी किसी दुर्भावना से ग्रसित होकर अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिशोधात्मक रुख अपनाए हुए, किसी के इशारों पर दमनात्मक व उत्पीड़क कार्यवाही हेतु मन बना चुकी थी। उक्त धरना उत्तराखण्ड सरकार व मुख्यमंत्री की और से एक वरिष्ठ व निर्भीक पत्रकार के साथ सकारात्मक भूमिका का (Sua Moto) स्व संज्ञान न लिए जाने, उदासीन रवैये अपनाये जाने व मूकदर्शक बनकर एक तमाशबीन की तरह के व्यवहार की भी एक स्वर में निंदा की गई।

 

यह भी तय किया गया कि, चूँकि पर्वतजन के सम्पादक सेमवाल इस तथाकथित झूठे व निराधार प्रकरण पर पुलिस के आला एवं वरिष्ठ अधिकारियों से निष्पक्ष जाँच व कार्यवाही हेतु अपने साथियों सहित कई बार हर स्तर पर संपर्क कर चुके थे, किन्तु पुलिस अधिकारियों का रवैया सकारात्मक व संतोषजनक नहीं रहा, इस लिए अब प्रदेश की राज्यपाल को शासन व प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजा जाए और जनसामान्य को भी एक संदेश दिया जाए कि, प्रजातन्त्र का चौथा स्तम्भ कहलाने वाले मीडिया व पत्रकारिता के साथ इस राज्य में कैसा व्यवहार है। पत्रकारिता के माध्यम से सरकार व सत्ताधीशों और आला अफसरों के असल चेहरे को निर्भीकता से उजागर करने का परिणाम क्या होता है और कैसे-कैसे हथकण्डे अपनाये जाते हैं।

 

आज की मीटिंग में सभी पत्रकारों व मीडिया कर्मियों से अपेक्षा की गई है कि, अधिक से अधिक संख्या में सांकेतिक धरने में सम्मिलित हों। तथा अपने-अपने समाचारपत्र व न्यूजपोर्टल एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इस समाचार का प्रकाशन करे।