गजब खुलासा: 1.5 साल से कमरे में धूल फांक रही 14 वेंटिलेटर मशीनें। इलाज के लिए मरीजों के छूट रहे पसीने

1.5 साल से कमरे में धूल फांक रही 14 वेंटिलेटर मशीनें। इलाज के लिए मरीजों के छूट रहे पसीने

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। पूरे देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड में कोरोना के प्रकोप के बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही हरिद्वार जनपद में भी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार जनपद का स्वास्थ्य महकमा कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। हरिद्वार जिले में कई लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है और उसका मुख्य कारण है कि, पर्याप्त मात्रा में हॉस्पिटलों में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है। क्योंकि काफी संख्या में कोरोना संक्रमण होने के कारण वेंटिलेटर वाले बेड खाली नहींं है। इस कारण मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। हायर सेंटर में भी बेड खाली ना होने के कारण उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। वही रुड़की के सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की बडी लापरवाही सामने आई है, जो कोरोना मरीजों को झेलनी पड़ रही है। रुड़की के सिविल अस्पताल में लाखों रुपयों की लागत से 14 वेंटिलेटर मशीनें पिछले डेढ़ साल से एक कमरे में धूल फांक रही है। 2020 में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर मशीने खरीदी थी, लेकिन आज तक मशीनो का संचालन नही हो पाया है।

एक तरफ पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर से लोग अपनी जान गवा रहे हैं। उत्तराखण्ड में भी लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। हरिद्वार जनपद में कई लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो गई है। मगर हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। इस मामले पर सीएमएस संजय कंसल का बयान बड़ा ही अजीब है। उनका कहना है कि, ये कोई पानी की टोंटी नही है जो हमने पानी खोला और मरीज ने पानी पी लिया। वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए उनके पास पर्याप्त स्टाफ नही है। साथ ही मशीन चलाने के लिए आक्सीजन की आवश्यता होती हैं और अभी तक आईसीयू वार्ड भी नही बन पाया है। इसलिए वेंटिलेटर मशीन सुचारू नही हो पाई हैै। भारत सरकार के द्वारा जिस कंपनी को इसका कार्य दिया गया था, उनके द्वारा कार्य पूरा नहीं किया गया। हमारे द्वारा लगातार सख्ती से कहा जा रहा है कि, इस कार्य को जल्द पूरा किया जाए। क्योंकि रुड़की काफी बड़ा क्षेत्र है और यहां पर बड़ी संख्या में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा संज्ञान लिया जा रहा है।

बता दें कि, हरिद्वार जिले में बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और इस कारण कई लोगों ने भी अपनी जान गवा दी है। मगर हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। क्योंकि रुड़की के सिविल अस्पताल में लाखों रुपयों की लागत से 14 वेंटिलेटर मशीनें पिछले डेढ़ साल से एक कमरे में धूल फांक रही है। आईसीयू ना बनने के कारण इसके लिए जिस कंपनी को कार्य दिया गया उनके द्वारा अभी तक इस कार्य को पूरा नहीं किया गया। अब देखने वाली बात ये होगी कि, कब तक आईसीयू बनकर तैयार होता है और कोरोना के मरीजों को इसका लाभ मिल पाता है।