शिक्षा मंत्री के कॉलेज प्रिंसिपल को हाइकोर्ट के आदेश पर मिली करीब 2:30 घंटे की पुलिस कस्टडी
देहरादून। हाइकोर्ट नैनीताल ने राजधानी देहरादून के हिमालया आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल अनिल कुमार झा को 10:30 बजे से 1:15 बजे तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिए व बाद में रिहा कर दिया। प्रिंसिपल के अधिवक्ता ने मेंशन कर न्यायालय को अवगत कराया कि, हिमालयन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के निदेशक कल व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होंगे। जिसके बाद न्यायालय ने प्रिंसिपल को कस्टडी से रिहा करने के आदेश दिए। अब उक्त प्रकरण में कल दोबारा सुनवाई होनी सुनिश्चित हुई है।
बताते चलें कि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद तिवारी ने बताया कि, उत्तराखंड सरकार ने 14 अक्टूबर 2015 को शासनादेश जारी कर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की फीस 80 हजार रुपये से बढ़ाकर 2.15 लाख रुपये कर दी थी। जिसे आयुर्वेदिक कॉलेजों से बीएएमएस कर रहे छात्रों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। न्यायालय की एकलपीठ ने 9 जुलाई 2018 को उक्त शासनादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ बताते हुए उसे निरस्त कर दिया और मेडिकल कॉलेजों के छात्रों से ली गई बढ़ी हुई फीस वापस करने को कहा था। एकलपीठ के इस आदेश को आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन ने खण्डपीठ में चुनौती दी। जिसे खण्डपीठ ने खारिज करते हुए एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया।
काफी लंबे समय के बाद भी आयुर्वेदिक कॉलेजों ने यह फीस वापस नहीं की। जिसके खिलाफ कॉलेज के छात्र मनीष कुमार व अन्य ने अवमानना याचिका दायर की। आज सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल अनिल कुमार झा को लगभग पौने तीन घण्टे न्यायालय में कस्टडी में रख लिया। अब कल मंगलवार को न्यायालय में कॉलेज के निदेशक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे।
इस पूरे मामले में आयुर्वेदिक काॅलेज के प्रिंसीपल अनिल कुमार झा का कहना है कि, उन्होने कोर्ट को बताया है कि, मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तथा अपिलेन्ट ऑथॉरिटी में डिसीजन रिजर्व है। उसके निर्णय आने के बाद ही अगली कार्यवाही अमल में ली जाएगी। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित की है।