संपादकीय: जानिए आखिर लोग नये साल पर ही क्यों लेते है संकल्प ?

जानिए आखिर लोग नये साल पर ही क्यों लेते है संकल्प ?   वरिष्ठ पत्रकार- सलीम रज़ा…. देहरादून। आज सुबह मुझसे मेरी पत्नी ने कहा, सुनो नये साल पर क्या …

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पूर्वोत्तर से उत्तर भारत तक सुलगी सीएबी, एनआरसी की चिंगारी

पूर्वोत्तर से उत्तर भारत तक सुलगी सीएबी, एनआरसी की चिंगारी   वरिष्ठ पत्रकार- सलीम रज़ा…. देहरादून। राष्ट्रहित में किये जाने वाले सरकार के किसी भी फैसले का स्वागत होना ही …

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Exclusive Article: यौन शिक्षा को किया जा रहा पाठ्यक्रम में शामिल

यौन शिक्षा को किया जा रहा पाठ्यक्रम में शामिल   – टीन ऐज और बढ़ती सेक्स विकृतियां वरिष्ठ पत्रकार- सलीम रज़ा…. देहरादून। देश में आये दिन अपराध होने की खबरें …

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सम्पादकीय: साहित्य बनाम प्रसिद्धि

साहित्य बनाम प्रसिद्धि   – पाठक बेशुमार परन्तु अस्तित्व रहा सिसक…. वरिष्ठ पत्रकार- सलीम रज़ा देहरादून। साहित्य समाज का दर्पण है, लिहाजा लेखक का ये कर्म है कि, वो समाज …

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Exclusive: महिलाओं के प्रति नज़रिया बदलें पुरूष

महिलाओं के प्रति नज़रिया बदलें पुरूष   – अबोध बच्चियां भी पैशाचिक प्रवृति के दरिंदों से महफूज नहीं – पुरूष ने महिला को मात्र अपने उपभोग का साधन और संतान …

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संपादकीय: यौन हिंसा मामलों पर समाज की संवेदनहीनता एक गम्भीर मुद्दा

यौन हिंसा मामलों पर समाज की संवेदनहीनता एक गम्भीर मुद्दा   – अपराधों और अपराधियों को किया जा रहा धर्म विशेष के चश्में से देखने का प्रयास…. – डॉ० रेड्डी …

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सम्पादकीय: पहरे में पत्रकारिता और जंजीरों में जकड़ा पत्रकार

पहरे में पत्रकारिता और जंजीरों में जकड़ा पत्रकार   – पत्रकार अपने हक को यूं ही भटकता रहेगा और पत्रकारिता अपने आस्तित्व को सिसकेगी…. – कहते हैं जरूरत की कोख …

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सम्पादकीय- अयोध्या विवाद: यादों को भूलना ही एक अच्छे बदलाव का संकेत

अयोध्या विवाद: यादों को भूलना ही एक अच्छे बदलाव का संकेत   – सलीम रज़ा…. देहरादून। बहुचर्चित अयोध्या विवाद पर देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाये गये फैसले से दोनो …

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Article: न्यू इंडिया का मुंह चिढ़ाते भुखमरी और कुपोषण के आंकड़े

न्यू इंडिया का मुंह चिढ़ाते भुखमरी और कुपोषण के आंकड़े   – हिन्दुस्तान की दशा भुखमरी के मामले में बंगला देश से भी बुरी…. – साल 2018 में हिन्दुस्तान भुखमरी …

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