बिग ब्रेकिंग: राष्ट्रपति मुर्मू ने किए माँ नयना देवी और बाबा नीम करौरी धाम के दर्शन, राजभवन के मुख्य द्वार का किया शिलान्यास

राष्ट्रपति मुर्मू ने किए माँ नयना देवी और बाबा नीम करौरी धाम के दर्शन, राजभवन के मुख्य द्वार का किया शिलान्यास

नैनीताल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे के दौरान मंगलवार सुबह नैनीताल के प्रतिष्ठित माँ नयना देवी मंदिर पहुँचीं। राष्ट्रपति सुबह करीब 9:30 बजे मंदिर परिसर पहुंचीं, जहाँ उन्होंने माँ नयना देवी के दर्शन कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।

मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों ने राष्ट्रपति को माँ के चमत्कारों और मंदिर के ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया।

राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम झील में राफ्ट के साथ रेस्क्यू के लिए तैनात रही। सुरक्षा कारणों से मंदिर और आसपास के क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही कुछ समय के लिए रोक दी गई। वहीं, मॉल रोड पर आने-जाने वाले पर्यटक और स्थानीय लोगों को भी नियंत्रित किया गया।

राष्ट्रपति के दौरे के दौरान आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिमा अग्रवाल, डीएम ललित मोहन रयाल और एसएसपी मंजूनाथ टीसी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। हाईकोर्ट जाने वाले अधिवक्ताओं और आम नागरिकों को भी कुछ समय के लिए रोक दिया गया।

माँ नयना देवी के दर्शन के बाद राष्ट्रपति कैंची धाम पहुँचीं, जहाँ उन्होंने बाबा नीम करौरी महाराज के दर्शन किए। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राष्ट्रपति ने पूरे मंदिर परिसर के दर्शन किए। इस दौरान भक्तों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई गई थी, जिसे राष्ट्रपति के प्रस्थान के बाद फिर से खोल दिया गया।

इसके पश्चात राष्ट्रपति मुर्मू कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं, जहाँ उन्होंने पदक विजेताओं और मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।

दिन में बाद में राष्ट्रपति ने राजभवन नैनीताल के मुख्य द्वार का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।

राजभवन नैनीताल राज्य की सांस्कृतिक, प्रशासनिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक रहा है। इसकी स्थापत्य कला और प्राकृतिक सुंदरता अब भी इसे अद्वितीय पहचान देती है।

शिलान्यास समारोह के दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी कौशल किशोर शुक्ल, अपर सचिव रीना जोशी समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति का यह दौरा उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती उत्सव से ठीक पहले हुआ है, जिससे पूरे प्रदेश में उल्लास और गर्व का माहौल देखा जा रहा है।