HSST जौलीग्रांट के छात्र-छात्राओं ने जाना साईबर सुरक्षा में AI का महत्व

HSST जौलीग्रांट के छात्र-छात्राओं ने जाना साईबर सुरक्षा में AI का महत्व

  • हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी जौलीग्रांट (HSST) जौलीग्रांट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार
  • बीटेक, बीसीए के 105 छात्र-छात्राओं ने किया प्रतिभाग

डोईवाला। हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी जौलीग्रांट (HSST) में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को केन्द्र में रखते हुए अन्य उभरती प्रोद्योगिकी के विषय में छात्र-छात्राओं को जानकारी दी गयी।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (SRHU) जौलीग्रांट के HSST सभागार में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के मद्देनजर उभरती प्रौद्योगिकी में निरंतर सीखने की प्रक्रिया को बनाये रखें।

कहा कि आज हम चौथी औद्योगिक क्रांति के शिखर पर खड़े हैं। ऐसे में एआई स्वास्थ्य सेवा से लेकर वित्त, विनिर्माण तक उद्योगों में एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभरा है। इसलिए इस क्षेत्र का ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है।

वक्ता IIT दिल्ली के डॉ. नीलाद्रि चटर्जी ने नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने भावना विश्लेषण, नामित इकाई पहचान और मशीन अनुवाद जैसे प्रमुख विषयों पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने एनएलपी की तकनीकी पेचीदगियों के बारे में भी बताया।

जेएनयू दिल्ली की डॉ. मंजू खारी ने डीप लर्निंग ट्रेंड्स पर व्याख्यान दिया। उन्होंने एआई के सबसेट के रूप में मशीन लर्निंग (ML) की अवधारणा को समझाया, जो एल्गोरिदम पर ध्यान केंद्रित करता है। कहा कि डीप लर्निंग (DL) को एमएल के एक विशेष रूप में पेश किया गया था, जिसमें तंत्रिका नेटवर्क के माध्यम से बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने की क्षमता पर जोर दिया जाता है।

GGSIP दिल्ली के डॉ. अंकित अग्रवाल ने साइबर अपराध, साइबर कानून और साइबर सुरक्षा में एआई की भूमिका के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाया। उन्होंने साईबर हमलों और उनकी तकनीक पर प्रकाश डालते हुए साइबर अपराधों के वर्गीकरण को बताया।

उन्होंने साईबर खतरे का पता लगाने और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने में साइबर सुरक्षा में एआई को शामिल करने पर जोर दिया।

इससे पूर्व प्रिंसिपल डॉ. प्रमोद कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सेमिनार में बीटेक और बीसीए के 105 छात्र-छात्राएं शामिल हुई।

उन्होंने डिजिटल युग में उभरती प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के गहन प्रभाव के बारे अपने विचार रखे। डॉ. पूजा बलूनी के संचालन में चले कार्यक्रम में डॉ. अनुपमा मिश्रा ने सभी का धन्यवाद दिया।