पूर्व सीएम हरदा और विधायक उमेश को CBI का नोटिस। मांगे वॉइस सैंपल
उत्तराखंड के बहुचर्चित स्टिंग मामले को लेकर आज सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को वॉयस सैंपल देने का फैसला सुनाया। इसके लिए उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
कोर्ट ने कहा कि विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट संवैधानिक पद पर बैठे होने के चलते उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को अब समन जारी किए जाएंगे, तब उन्हें वॉइस सैंपल की तिथि भी बताई जाएगी।
यह जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और विधायक मदन बिष्ट के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने दी है। दूसरी ओर इस मामले में 27 जुलाई को उच्च न्यायालय का फैसला आना है। इस फैसले पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने बताया कि विधायक उमेश शर्मा और मदन बिष्ट को भी नोटिस जारी किए जाएंगे लेकिन, संवैधानिक पद पर होने के कारण सीबीआई को पहले पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी। अब सीबीआई अपने स्तर से वॉइस सैंपल लेने का समय तय करेगी।
बता दें कि वॉइस सैंपल को लेकर बीते दिनों सीबीआइ ने चारों नेताओं को नोटिस जारी किया था। 15 जुलाई को उनके अधिवक्ताओं ने कोर्ट में तर्क दिया था कि यह मामला उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। इसलिए उच्च न्यायालय के निर्णय आने के बाद ही इस पर सुनवाई की जानी चाहिए।
जानिए क्या है पूरा मामला
साल 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था।
इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था।
दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था।
बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी थी।