कोरोना के खौफ से स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या, असमंजस में शिक्षा विभाग

कोरोना के खौफ से स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या, असमंजस में शिक्षा विभाग

– अभिभावकों से की छात्रों को स्कूल भेजने की अपील

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कोरोना महामारी के बाद भारत सरकार द्वारा तमाम स्कूल कॉलेजों को बंद किया गया था और पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था, मगर लॉकडाउन में छूट देने के बाद भारत सरकार ने कुछ शर्तों के साथ 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए थे, मगर हरिद्वार जनपद के स्कूलों में बच्चों के ना आने से शिक्षा विभाग भी असमंजस में है। शिक्षा विभाग के अधिकारी माध्यमिक ने छात्रों के अभिभावकों से अपील की है कि, वह अपने बच्चों को स्कूल में भेजें।

शिक्षा विभाग की हर कोशिश के बाद भी स्कूलों में 10 वीं 12 वीं के बच्चों की संख्या दिन प्रति घट रहीं है। कोरोना महामारी के डर से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे है। जो शिक्षा विभाग के लिए एक चुनोती बनता जा रहा है। शिक्षा अधिकारी माध्यमिक हनुमान प्रसाद विश्वकर्मा का कहना है कि, कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए स्कूलों को खोला गया था। लेकिन उसके बावजूद स्कूल में 10वीं 12वीं के बच्चों की संख्या काफी कम रही। इनका कहना है कि, हम सभी अभिभावकों व 10वीं और 12वीं के छात्रों से हम अपील करते हैं कि, आप स्कूल आए इनका कहना है कि, हमारे द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए पूरी व्यवस्था की गई है। हमारे द्वारा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। मगर उसके बावजूद भी हम अपील करते हैं। बच्चे स्कूल आए क्योंकि स्कूल में सभी टीचर उपलब्ध है। मेरा अपील के साथ निवेदन भी है अभिभावकों से कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

कोरोना महामारी को देखते हुए बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। लेकिन उसमें भी कई तरह की परेशानियों सामने आ रहीं है। कई बार नेटवर्क की समस्या के चलते बच्चों की ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई का नुकसान हो जाता है, तो कई बार कुछ छात्रों के पास साधन का आभाव रहता है। 10वीं 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिया गया, मगर छात्रों की कमी होने के कारण शिक्षा विभाग असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि अब परीक्षाओं का समय निकट आ रहा है। जिससे शिक्षा विभाग चिंतित है। उसी के चलते शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने अपील की है कि, अभिभावक छात्रों को स्कूल भेजे जिससे छात्रों को तेजी के साथ परीक्षा की तैयारी कराई जा सके।