हरदा ने नहीं रखा पर्दा, कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅरलेन्स के मुख्यमंत्री के वादे के साथ हूँ

harish rawat sad

हरदा ने नहीं रखा पर्दा, कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅरलेन्स के मुख्यमंत्री के वादे के साथ हूँ

देहरादून। कांग्रेस के कद्दावर नेता व उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ओनिडा फैक्ट्री अग्निकांड एवं दून में सफेदपोशों द्वारा एंगोलिया जमीनों पर किये अवैध कब्जों की एसआईटी जांच बंद किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं।

 

हरदा का कहना है कि, अवैध कब्जों के मामले को उठाने पर एक युवा वकील की हत्या कर दी गई। हरदा ने दोनों गंभीर मामलों में भ्रष्टचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की सरकार का साथ देने का भरोसा जताते हुए जांच को मुकाम तक पहुंचाने की उम्मीद की है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से दो गंभीर मामलों की एसआईटी जांच को लेकर कहा कि, एसआईटी की जांच किस स्तर पर पहुंची? उत्तराखंड को कुछ तो पता लगना चाहिये। मैंने दूसरी एसआईटी टीम गठित की थी। एक महाजघन्य पाप हुआ था। आॅनिडा फैक्टी में, हमारे अपने बेटे, भाई जिन्दा जलकर के मर गये थे, स्पष्ट रूप से संकेत थे कि, मैनेजमेंट की लापरवाही से एक दर्जन होनहार नौजवान जलकर के राख हो गये थे। उसकी जो जांच चली, उस जांच को टैम्पर करने में बहुत बड़े व्यक्ति का हाथ था।

 

हरदा ने सिद्ध निशाना साधते हुए कहा कि, वो व्यक्ति राज्य के मुख्यमंत्री तक रहे। फाईलें चीख-चीख के कह रही हैं।एक षड़यन्त्रपूर्ण तरीके से उस जांच की दिशा को बदला गया। जो अपने आप में बड़ा अपराध है। फाईलों तक में अंकित हैं, मैंने एसआईटी गठित की, मगर नतीजा वहां भी सिफर है। कहीं भी बात आगे नहीं आने दी जा रही है।

 

एंगेलिया जमीनों का कोई कुछ देहरादून के अन्दर ऐसी जमीनें हैं। जिन जमीनों को प्रभावशाली लोगों ने कब्जे में ले रखा है। एक नौजवान होनहार वकील ने मामला उठाया तो उसकी हत्या कर दी गई और मैंने उसकी जांच के लिये जो एसआईटी गठित की, उस एसआईटी को कह दिया गया कि, गड्डी हो जाओ। ये जीरो टाॅरलेन्स है या कनाईरेन्स है। इसके अन्तर को रेखांकित करना पड़ेगा और उत्तराखंड को समझना पड़ेगा और मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅरलेन्स के मुख्यमंत्री के वादे के साथ हूँ।