कोविड के दौरान जनप्रतिनिधियों ने निभाई अहम भूमिका। पंचायतों ने भी लोगों को सतर्क रखने में किया पूरा सहयोग
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने गुरूवार को सचिवालय में 2019 एवं 2020 में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया। इस पुरस्कार योजना के तहत उत्तराखण्ड से 2020 में 10 पंचायते एवं 2019 में 09 पंचायते पुरस्कार के लिए चयनित हुई। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के तहत 2019 एवं 2020 देश में प्रतिवर्ष 306 पंचायतों का पुरस्कार के लिए चयन किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून श्रीमती मधु चौहान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख लक्सर संजय कुमार, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत ऊधमसिंह नगर, ई. राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, ग्राम प्रधान मारखम ग्राण्ट, डोईवाला श्रीमती अमरजीत कौर, प्रधान ग्राम पंचायत टिहरी डोबनगर, श्रीमती सुनीता राणा पंवार, ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत खेलड़ी, बहादराबाद रूपेश कुमार, ग्राम प्रधान केदारवाला, विकासनगर श्रीमती तबसुम्म परवीन, पूर्व प्रमुख क्षेत्र पंचायत, नरेन्द्र नगर श्रीमती विनीता बिष्ट, ग्राम प्रधान पंचायत डाकपत्थर सुबोध गोयल, पूर्व ग्राम प्रधान बमराड़ कालसी रणवीर सिंह चौहान, पूर्व ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत नेवी, कालसी आदि को सम्मानित किया गया।
इस दौरान सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि, यह राज्य के लिए सौभाग्य की बात है कि, दोनों वर्षों में उत्तराखण्ड की पंचायतों ने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर पुरस्कार प्राप्त किये। यह पंचायतों के नवोन्मेषी कार्यों का परिणाम है। केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे यह हमारा प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए। इसमें पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ग्राम स्वराज को मजबूती देने का कार्य किया है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया है। आज विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों के खातों में डिजिटल माध्यम से पैसा पहुंच रहा है। पंचायतों में पारदर्शिता के तहत कार्य हो रहे हैं।
वास्तविक हकदार तक पैसा पहुंचाने के लिए ठोस व्यवस्था की गई है। आज देश में 40 करोड़ से अधिक लोगों के जनधन खाते हैं। जन प्रतिनिधियों का कार्य के प्रति विजन स्पष्ट होना चाहिए। पंचायतों को कैसे और मजबूत किया जा सकता है, इसके लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करना जरूरी है। सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। सीएम ने कहा कि कोविड के दौरान जनप्रतिनिधियों ने अहम भूमिका निभाई है। कोरोना का सबसे बड़ा बचाव सतर्कता है। पंचायतों ने लोगों को सजग एवं सतर्क रखने में पूरा सहयोग किया है।कोविड के दौरान ग्राउण्ड लेबल पर कार्य कर रही, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, एनएम, स्वच्छता कर्मियों एवं पुलिस का उनके सराहनीय कार्यों के लिए उत्साहवर्द्धन जरूर करें।
पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि, उत्तराखण्ड की पचायतों ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के तहत विभिन्न मापदण्डों के आधार पर दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देशमुख राष्ट्रीय ग्राम सभा पुरस्कार, बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार एवं ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार प्राप्त किये हैं। आज राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पंचायतों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। उन्होंने पुरस्कृत होने वाली सभी पंचायतों को बधाई देते हुए कहा कि, आगे हम पंचायतों को कैसे और विकसित कर सकते हैं? इस पर विशेष ध्यान देना होगा।
दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार
दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार वर्ष-2020 हेतु जो पंचायतें चयनित की गई हैं, उनमें जिला पंचायत देहरादून, क्षेत्र पंचायत लक्सर, क्षेत्र पंचायत भीमताल, ग्राम पंचायत कुंवरपुर, विकासखण्ड हल्द्वानी, ग्राम पंचायत मारखमग्राण्ट, विकासखण्ड डोईवाला, ग्राम पंचायत टिहरी डोबनगर, विकासखण्ड बहादराबाद एवं ग्राम पंचायत खेलड़ी विकासखण्ड बहादराबाद शामिल हैं।
वर्ष 2019 हेतु दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार में जिला पंचायत ऊधमसिंह नगर को 50 लाख रूपये की धनराशि, क्षेत्र पंचायत नरेन्द्र नगर, टिहरी को 25 लाख रूपये, क्षेत्र पंचायत पोखरी चमोली को 25 लाख रूपये, ग्राम पंचायत डाकपत्थर, विकासखण्ड विकासनगर को 12 लाख रूपये, ग्राम पंचायत कुसौली, विकासखण्ड विण, पिथौरागढ़ को 08 लाख रूपये, ग्राम पंचायत धारीपल्ली, विकासखण्ड नौगांव, उत्तरकाशी एवं ग्राम पंचायत बमराड़ विकासखण्ड कालसी, देहरादून को 05-05 लाख रूपये की धनराशि मिली है।
दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के तहत देशभर में 2019 में 195 एवं 2020 में 213 पंचायतों का चयन किया गया। जिसमें एक राज्य में एक जिला पंचायत को 50 लाख, 02 क्षेत्र पंचायतों को 25-25 लाख एवं 04 ग्राम पंचायतों को 05 से 15 लाख रूपये तक प्रति पंचायत की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है। दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के अन्तर्गत पंचायतीराज संस्थाओं में सेवाओं को प्रदायगी आदि में सुधार सबंधी कार्यों के आधार पर अच्छा कार्य करने वाली पंचायतों, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायतों, ग्राम पंचायतों को स्वच्छता, नागरिक सेवाओं, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, समाज के वंचित वर्गों का सामाजिक क्षेत्र प्रदर्शन, आपदा प्रबंधन समुदाय आधारित संगठन/ग्राम पंचायतों के सहयोग के लिए व्यक्तिगत स्वैच्छिक कार्य, स्वयं के राजस्व वृद्धि में नवाचार एवं ई-गर्वनेंस में किया जाता है।
नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार
नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार 2019 ग्राम पंचायत नेबी, विकासखण्ड कालसी एवं 2020 का पुरस्कार ग्राम पंचायत खेलड़ी, बहादराबाद को मिला। इन ग्राम पंचायतों को पुरस्कार स्वरूप 10-10 लाख रूपये की धनराशि दी गई। भारत सरकार द्वार इस योजना के तहत प्रत्येक राज्य से प्रतिवर्ष एक ऐसी उत्कृष्ट ग्राम सभा का चयन किया जाता है, जिसमें ग्राम सभा/ग्राम पंचायत की नियमित बैठकें, सामाजिक सुधार के कार्य एवं अन्य उल्लेखनीय कार्य किये गये हों। इस पुरस्कार के लिए देश में वर्ष 2019 में 20 तथा 2020 में 27 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया।
बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार
बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार 2019 ग्राम पंचायत टिहरी डोबनगर, विकासखण्ड बहादरबाद एवं 2020 ग्राम पंचायत बेलपड़ाव, विकासखण्ड कोटाबाग को मिला। यह पुरस्कार देशभर में 2019 में 22 ग्राम पंचायतों एवं 2020 में 30 ग्राम पंचायतों को दिया गया। इसके तहत पुरस्कार स्वरूप 05 लाख रूपये की धनराशि दी जाती है।
ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार
2020 का ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार ग्राम पंचायत केदारवाला, विकासखण्ड विकासनगर को मिला। 2020 में इसके तहत देश में 28 ग्राम पंचायतों को चुनाव किया गया। इसमें पुरस्कार स्वरूप 05 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है। इस अवसर पर सचिव/निदेशक पंचायतीराज श्री हरिचन्द्र सेमवाल एवं पंचायतीराज विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।