जनसंघर्ष मोर्चा करेगा अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में अधिकारियों की घेराबन्दी…….
– जनपद हरिद्वार को 61 फीसदी तो देहरादून को 23 फीसदी क्यों ?
देहरादून। जनसंघर्ष मोर्चा ने अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। पत्रकारों से वार्ता के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, वर्ष 2018-19 हेतु अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के मामले में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय स्तर से हुई भारी लापरवाही के चलते जनपद देहरादून के यतीम व गरीब छात्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
साथ ही अन्य जनपदों को भी इस लापरवाही का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। अधिकारियों की मस्ती के कारण हजारों छात्रों को इस योजना में शामिल नहीं किया जा सका। रघुनाथ सिंह नेगी ने वार्ता के दौरान यह भी कहा कि, हैरानी की बात यह है कि, निदेशालय द्वारा जनपद देहरादून के 3826 छात्रों के सापेक्ष मात्र 877 छात्रों का सत्यापन किया गया।
– वर्ष 2018-19 प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का मामला है
वहीं दूसरी ओर जनपद हरिद्वार में 15542 छात्रों को सापेक्ष 9463 छात्रों का सत्यापन हुआ। इस प्रकार हरिद्वार में बहुत तेजी के साथ सत्यापन कार्य किया गया। लेकिन देहरादून के छात्रों के मामले में विभाग सोया रहा। जिसका नतीजा यह रहा कि, मात्र 23 फीसदी छात्रों का ही सत्यापन हो पाया जबकि, हरिद्वार जनपद के 61 फीसदी का सत्यापन हुआ।
जबकि लगभग शत्-प्रतिशत् लक्ष्य प्राप्त किया जाना चाहिए था। भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मन्त्रालय द्वारा प्रदेश को भरपूर राशि दी जा रही है। लेकिन अधिकारी छात्रों का शोषण करने में लगे हुए हैं।
– सत्यापन के नाम पर यतीम व गरीब छात्रों का हुआ आर्थिक नुकसान
नेगी ने यह भी कहा कि, विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि, इस मामले में विभाग का कहना है कि, कतिपय संस्थानों एवं छात्रों के मोबाईल नम्बर बन्द होने के कारण सत्यापन नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि, जनपद हरिद्वार के संस्थानों एवं छात्रों के मोबाईल नम्बर क्या खुले थे?
- भारत सरकार की योजना को पलीता लगाते अधिकारी।
मोर्चा इस अनियमितता व विभागीय लापरवाही को लेकर शीघ्र शासन में दस्तक देगा तथा अधिकारियों की घेराबन्दी करेगा। आज के इस कार्यक्रम में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी संग, विजयराम शर्मा, विनोद गोस्वामी, जयन्त चैहान, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद थे।