बागेश्वर में ईओ विवाद पर रोक, गोमांस मामले में पुलिस जांच के आदेश, पॉक्सो आरोपी को अग्रिम जमानत
नैनीताल। बागेश्वर निवासी हयात सिंह परिहार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल ने अध्यक्ष नगर पालिका बागेश्वर के निर्णय पर रोक लगा दी है, जिसमें प्रधान सहायक विजय सिंह कनवासी को प्रभारी ईओ नियुक्त किया गया था।
याचिकाकर्ता हयात सिंह ने बताया कि शासन द्वारा उन्हें 17 सितंबर 2025 को नगर पालिका बागेश्वर के प्रभारी ईओ के रूप में नियुक्त किया गया था और 18 सितंबर को उन्होंने कार्यभार ग्रहण भी कर लिया था।
लेकिन नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा वित्तीय अधिकार न दिए जाने और बाद में उनके स्थान पर अन्य प्रभारी ईओ की नियुक्ति किए जाने को उन्होंने चुनौती दी थी।
उच्च न्यायालय ने 14 अक्टूबर 2025 को शासन के आदेशों के आलोक में उनके स्थानांतरण और नयी नियुक्ति को निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद 17 अक्टूबर को दोबारा विजय सिंह को प्रभारी ईओ बनाए जाने पर हयात सिंह ने पुनः याचिका दायर की।
न्यायालय ने इस नियुक्ति पर रोक लगाते हुए अध्यक्ष नगर पालिका से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 15 दिसंबर 2025 को होगी। तब तक हयात सिंह परिहार ही बागेश्वर नगर पालिका परिषद के प्रभारी ईओ बने रहेंगे।
रामनगर-बैलपड़ाव गोमांस विवाद: पुलिस की भूमिका पर सवाल
उच्च न्यायालय ने बैलपड़ाव और रामनगर में कथित गोमांस विवाद से जुड़े प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
23 अक्टूबर को हुए उपद्रव में अल शिफा ट्रेडिंग कंपनी की पिकअप ट्रक में तोड़फोड़ की गई थी। कंपनी ने सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। अदालत ने घटना के वीडियो देखने के बाद टिप्पणी की कि मामला वैचारिक न होकर व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता का प्रतीत होता है।
कोर्ट ने पुलिस से यह स्पष्ट करने को कहा कि वीडियो में आरोपितों के चेहरे स्पष्ट होने के बावजूद गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। साथ ही यह भी जांचने को कहा गया कि भीड़ को गलत सूचना देने वाला मुखबिर कौन था।
महत्वपूर्ण निर्देश: अदालत ने कालाढुंगी पुलिस को निर्देश दिया है कि यदि कोई वैध मीट ट्रांसपोर्टर वाहन पारगमन की सूचना 24 से 48 घंटे पहले देता है, तो चालक और क्लीनर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
कोर्ट ने रामनगर छोई क्षेत्र में पीटे गए ड्राइवर की पत्नी नूरजहां की याचिका को भी इस मामले से जोड़कर पुलिस से प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
कनाडा निवासी व्यक्ति को अग्रिम जमानत
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में कनाडा निवासी पौड़ी गढ़वाल के व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है।
याचिकाकर्ता पर अपनी बहन की पांच वर्षीय बेटी से छेड़छाड़ के आरोप हैं, जिन पर कोटद्वार थाने में मुकदमा दर्ज है।
खंडपीठ मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय ने आदेश पारित करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेगा, परंतु पुलिस उसके विरुद्ध किसी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई को अंजाम नहीं देगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एस. रावत ने अदालत के समक्ष दलील दी कि आरोपी कनाडा में स्थायी रूप से निवास करता है, अतः उसने सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने यह तर्क स्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत प्रदान की और उसके सहयोगी रुख को रिकॉर्ड पर दर्ज किया।

