एक्सक्लूसिव: हिमांचल में धंसते पहाड़ों के मलबे ने बरसाई आफत। कहीं मंदिर ढहे, कहीं घर, 51 लोगों की मौत

हिमांचल में धंसते पहाड़ों के मलबे ने बरसाई आफत। कहीं मंदिर ढहे, कहीं घर, 51 लोगों की मौत

उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। वहीं पर्वती राज्य हिमाचल प्रदेश में कुदरत कहर बरपा रही है।

हिमाचल में दो दिन से जारी तेज बारिश ने बड़ी तबाही मचाई है। लैंडस्लाइड, बादल फटने और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 51 लोगों की जान चली गई है। कहीं मंदिर ढहे तो कहीं घर…धंसते पहाड़ों के मलबे ने आफत बरसाई है।

शिमला, मंडी, बिलासपुर और सोलन तक कुदरत का कहर बरपा है। मौसम विभाग ने इस पहाड़ी राज्य में बुधवार तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से घर के अंदर रहने और नालों या नदियों के पास न जाने की अपील की है। उन्होंने टूरिस्टों से भी कहा है कि संकट की इस घड़ी में राज्य का दौरा न करें।

दुख की इस घड़ी में उन्होंने कहा कि, प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर किसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दौरान केवल ध्वजारोहण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। लगातार बारिश को देखते हुए हिमाचल सरकार ने सोमवार को सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए। परीक्षाएं रद्द कर दी गईं।

शिमला समेत राज्य के 6 जिले हमीरपुर, मंडी, सोलन, कांगड़ा और सिरमौर सबसे ज्यादा प्रभावित है। कांगड़ा में 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा 273 मिलीमीटर बारिश रेकॉर्ड की गई। मौसम कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश के 12 में से 9 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान जताया और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

राजधानी शिमला के समरहिल स्थित शिव बावड़ी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी तक 12 लोगों के शवों को मलबे से निकाला जा चुका है। बीती शाम तक 8 शव बरामद कर लिए थे। वहीं आज सुबह फ़िर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु हुआ और 4 शव बरामद किए गए हैं।

अभी भी मलबे में दो दर्जन लोगों के फंसे होने की आशंका हैं। जैसे जैसे समय बीत रहा है मलबे में फंसे लोगों के बचने की उम्मीद कम हो रही है। मंगलवार को सुबह साढ़े 5 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु हुआ। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ के जवान भी शामिल हैं। मौसम साफ होने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में आज गति आई है।

जेसीबी मशीन से मलबा हटाया जा रहा है। सावन का अंतिम सोमवार होने से कई लोग मंदिर में खीर बनाने के लिए जुटे थे। तभी हादसा हो गया। हिमाचल के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन मलबे को हटाने के लिए काम कर रहा है। फंसे लोगों को निकाला जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से रणजीतपुर क्षेत्र से गुजर रही सोम नदी में उफान आ गया। नदी में पानी आने से आदिबद्री में माता मंत्रा देवी के दर्शन करने गए जिला अंबाला के मुलाना मेडिकल कॉलेज के तीन छात्र फंस गए।

थाना बिलासपुर के SHO जगदीश चंद्र और रणजीतपुर चौकी इंचार्ज रमन ने अपनी जान पर खेल तीनों छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला। छात्रों को नदी के दूसरी तरफ से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उन्हें कई घंटे मशक्कत करनी पड़ी।

तीनों छात्रों को थाना बिलासपुर ले जाया गया जहां पर उन्हें भोजन कराया गया। सुबह उन्हें कॉलेज में भेज दिया गया। अंबाला के अनुग्रह, कैथल के अभिषेक और दिल्ली के उमंग जैन तीनों रविवार को 1800 फीट की ऊंचाई पर माता मंत्रा देवी के दर्शन करने गए थे।

जब वह पहाड़ पर चढ़े तो अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। वह मंदिर में ही बारिश रुकने का इंतजार करने लगे लेकिन बारिश नहीं रुकी। ऐसे में उन्होंने बारिश में ही नीचे उतरने लगे। भारी बारिश से नदी में उफान आने के चलते वे वहीं फंस गए।

भारी बारिश के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेज को बंद रखने का आदेश दिया गया है। राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, आपदा के कारण राज्य में 752 सड़कें बंद कर दी गई हैं।

रविवार शाम से कांगड़ा में 273 मिलीमीटर, धर्मशाला में 250 मिमी, सुंदरनगर में 168 मिमी, मंडी में 140 मिमी, जब्बारहट्टी में 132 मिमी, शिमला में 126 मिमी, बरठी में 120 मिमी, धौलाकुआं में 111 मिमी और नाहन में 107 मिमी बारिश हुई।