एक्सक्लूसिव: दून में अवैध प्लांटिंग प्रकरण में खान अधिकारी, भूगर्भ विज्ञानी व MDDA के दो सुपरवाइजर निलंबित। मुकदमा दर्ज

दून में अवैध प्लांटिंग प्रकरण में खान अधिकारी, भूगर्भ विज्ञानी व MDDA के दो सुपरवाइजर निलंबित। मुकदमा दर्ज

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। पहाड़ काटकर भूमि को समतल कर अवैध प्लांटिंग के मामले में जिला प्रशासन व एमडीडीए के अधिकारियों ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए खनिज विभाग के खान अधिकारी, भूगर्भ विज्ञानी व एमडीडीए के दो सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है।

तथा अवैध निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के साथ ही खनिज विभाग देहरादून के खनिज मोहर्रिर कुंदन सलाल ने पहाड़ी कटान करने वाले व्यक्तियों पर मुकदमा भी दर्ज कराया है।

प्राप्त समाचार के मुताबिक मंजीत जौहर, राज लूम्बा तथा अनिल कुमार गुप्ता पुत्र श्याम लाल गुप्ता के द्वारा कैनाल रोड पर पहाड काटकर लगभग 14,175 वर्ग मीटर भूमि पर समतलीकरण एवं पुश्ता निर्माण का कार्य किया जा रहा था।

प्रकरण प्राधिकरण के संज्ञान में आने पर प्राधिकरण द्वारा अवैध भूमि विकास एवं प्लौटिंग का कार्य किए जाने के दृष्टिगत सम्बन्धितों के विरूद्व उत्तराखण्ड नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं धारा-27 व 28 के अर्न्तगत पूर्व में ही कारण बताओ एवं कार्य रोकने हेतु नोटिस भेजने की कार्यवाही दिनांक 19-07-2022 को कर दी गयी थी।

इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्राधिकरण उपाध्यक्ष बृजेश कुमार संत द्वारा जिलाधिकारी देहरादून सुश्री सोनिका ,सचिव प्राधिकरण एम एस बर्निया, निदेशक खनन पैट्रिक, अधीक्षण अभियंता एचसीएस राणा एवं संबंधित अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की, जिसमें निम्नानुसार निर्णय लेते हुए कार्यवाही की गई है।

यह हुई कार्यवाही

  1. स्थल पर किये अवैध विकास कार्य को तुरंत प्रभाव से ध्वस्त कर दिया गया।
  2. खान अधिकारी श्री वीरेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
  3. भू गर्भ वैज्ञानिक श्री अनिल कुमार को भी गलत तथ्य प्रस्तुत कर हिल कटान की स्वीकृति प्रदान किये जाने पर निलंबित कर दिया गया।
  4. प्राधिकरण के दो सुपरवाइजरो श्री प्यारे लाल एवं श्री महावीर सिंह को भी उक्त प्रकरण की ससमय जानकारी न देने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
  5. भविष्य में इस तरह की प्रकृति वाले स्थलों पर जहां पर पर्वतों का कटान किया जाना हो, किसी भी प्रकार के विकास कार्य की अनुमति न दिए जाने का भी निर्णय लिया गया।