केदारनाथ में सिक्स सिग्मा ने अनुमति ली विशेषज्ञ डाक्टरों की, मरीजों को दे रहे वार्ड ब्यॉय दवा
– आर्मी जैसी ड्रेस पहनकर बांट रहे सरकारी दवा
– गुणानंद जखमोला
यदि किसी की सांस की समस्या हो और उसे दर्द या बुखार की गोली दे दी जाए। या पैदल चलते हुए पैरों में सूजन आ जाएं और एंटीबायोटिक दवा दी जाएं तो क्या वह राहत महसूस करेगा। शायद नहीं, लेकिन आरोप है कि, केदारनाथ में तीर्थयात्रियों के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है।
केदारनाथ से लौटे कुछ यात्रियों से बातचीत के बाद यह कंपनी कर्मचारियों पर संदेह हुआ। रुद्रप्रयाग के सीएमओ और डीजी हेल्थ से हुई बातचीत पुष्टि करती है कि, सिक्स सिग्मा ने अब तक स्वास्थ्य विभाग को नहीं बताया कि, केदारनाथ में किन डाक्टरों या स्टाफ को तैनात किया गया है।
यहां प्रशासन ने सिक्स सिग्मा कंपनी को अनुमति दी है कि, वह केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों को हेल्थ सर्विसेज दें, खेल क्या है, ये समझ से बाहर है। इस कंपनी के स्टाफ की योग्यता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
आरोप है कि, कंपनी ने यहां अनस्किल्ड स्टाफ की तैनाती की है और वार्ड ब्यॉय टाइप कर्मचारी यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को अनाप-शनाप दवाएं दे रहे हैं। जबकि सिक्स सिग्मा ने दावा किया था कि, वह हाई एल्टीटयूट हेल्थ मैनेजमेंट में एक्सपर्ट हैं और विशेषज्ञ डाक्टरों की यहां तैनाती होगी।
हालांकि केदारनाथ में एक सरकारी डाक्टर, फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ भी तैनात है, लेकिन केदारनाथ धाम में रोजाना वीवीआईपी आ रहे हैं। प्रोटोकाल के हिसाब से डाक्टर को वीवीआईपी डयूटी पर जाना होता है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को सिक्स सिग्मा के अकुशल स्टाफ के हवाले रहना पड़ रहा है।
सिक्स सिग्मा के सभी कर्मचारी वहां डाक्टर बने बैठे हैं। सिक्स सिग्मा के ये कर्मचारी आर्मी टाइप ड्रेस पहने होते हैं। ऐसे में तीर्थयात्री आंख मूंदे दवाई ले रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि, सिक्स सिग्मा के ये कर्मचारी सरकारी अस्पताल, सरकारी संसाधन और सरकारी दवाई का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जबकि धाम में ही तैनात विवेकानंद हेल्थ मिशन के अस्पताल में अच्छे डाक्टर, मशीनें और उनकी अपनी दवाएं तीर्थयात्रियों को दी जा रही हैं।
यह वही सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर कंपनी है, जिसने 2019 में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को देश के सर्वश्रेष्ठ सीएम का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। उधर, केदारनाथ यात्रा में अब तक कई तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। अधिकांश को हार्टअटैक की शिकायत थी।
इस संबंध में डीजी हेल्थ डा. शैलजा भट्ट से सवाल किया गया कि, क्या सिक्स सिग्मा का स्टाफ प्रशिक्षित है? क्या तैंनात किये गये उनके कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच की गयी? उन्होंने कहा कि, मैंने अभी कार्यभार संभाला है। पता करती हूं।
वहीं, रुद्रप्रयाग के सीएमओ डा. बी के शुक्ला ने बताया कि, सिक्स सिग्मा को इस शर्त पर अनुमति दी गयी थी कि, वह केदारनाथ में प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध कराएंगे। लेकिन अब तक कंपनी ने वहां तैनात स्टाफ की एजूकेशन और जॉब संबंधी दस्तावेज नहीं दिये हैं।
सीएमओ के अनुसार उन्होंने कंपनी से आज शाम पांच बजे तक सभी जानकारी मांगी हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनको दी गयी अनुमति को निरस्त कर दिया जाएगा।