लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करने की सरकार की मनसा। उक्रांद ने लगाया आरोप, फूंका पुतला
देहरादून। लंबे समय से लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों के समर्थन में उत्तराखंड क्रांति दल के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने आज लोकायुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला फूंक दिया।
पुलिस बल इस दौरान कार्यकर्ताओं के आक्रोश के आगे मूकदर्शक बनकर देखता रहा।
लंबे समय से लोकायुक्त की नियुक्ति को टालती आ रही भाजपा सरकार के विरुद्ध आज उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया और सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध में नारेबाजी की।
देर तक चली नारेबाजी के बाद उत्तराखंड आंदोलनकारी तथा लोकायुक्त आंदोलन के संयोजक परमानंद बलोदी और सुमन बडोनी के हाथों उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन किया गया।
पुतला दहन के बाद पुलिसकर्मी देर तक आसपास फैली सामग्री से आग बुझाने के लिए मशक्कत करते रहे।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 100 दिन में लोकायुक्त बनाने का वादा किया था। उत्तराखंड क्रांति दल 100 दिन पूरे होने के बाद से ही सरकार पर लगातार लोकायुक्त की नियुक्ति करने को लेकर दबाव बनाता रहा है।
सेमवाल ने आरोप लगाया कि इस दौरान कई घोटालों में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम उछलता रहा। यहां तक कि हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने तक के आदेश दे दिए थे। हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट मे लंबित है।
सेमवाल ने कहा कि सरकार अपने घोटालों से डर के लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करना चाहती।
लोकायुक्त आंदोलन के संयोजक परमानंद बलोदी ने कहा कि, वह लोकायुक्त की नियुक्ति तक लोकायुक्त कार्यालय पर तालाबंदी करके धरने पर बैठे रहेंगे। सुमन बडोनी ने कहा कि सरकार को जरा भी लोकलाज है तो उसे तत्काल अपना वादा पूरा करना चाहिए।
यूकेडी के केंद्रीय संगठन मंत्री अनिल डोभाल ने कहा कि यदि सरकार इस दिशा में जल्दी कार्रवाई नहीं करती तो फिर इस आंदोलन को जन आंदोलन में तब्दील किया जाएगा।
यूकेडी की केंद्रीय प्रचार सचिव मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहा कि, भाजपा सरकार की मनसा लोकायुक्त की नियुक्ति करने की नहीं है, सरकार का जीरो टोलरेंस वाला नारा जुमला साबित हो चुका है।
यूकेडी महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने बताया कि उत्तराखंड क्रांति दल लोकायुक्त बनाने में सरकार की नाकामी को जनता के बीच में ले कर जाएगी, ताकि चौतरफा भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता को सरकार की मंशा पता चल सके।
पुतला दहन कार्यक्रम में उपरोक्त आंदोलनकारियों के अलावा सरोज रावत, राजेंद्र सिंह गुसाईं, पंकज बेलवाल, अश्विन ममंगाई, विरेंदर रावत, संजीव शर्मा, आदि दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।