गजब: कहीं स्कूलों से शिक्षक गायब तो कहीं ऑनलाइन क्लासेज नहीं। शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिस

कहीं स्कूलों से शिक्षक गायब तो कहीं ऑनलाइन क्लासेज नहीं। शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिस

 

उत्तराखंड में सरकार ने बेशक स्कूल खोल दिए गए है और सरकार स्कूलों में बहतर शिक्षा देने के दावें कर रही है। वहीं देखा जाए तो स्कूल से प्राचार्य ही नदारद है। ऐसे में स्कूलों में क्या शिक्षा दी जा रही होगी यह सोचनीय विषय है। क्योंकि अब शिक्षकों के स्कूलों से नदारद रहना आम बात ही हो गई है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को मोटी सैलरी जरूर मिलती है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता पर हमेशा सवाल उठते रहे है।

जहां मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती कई स्कूलों में अचानक निरिक्षण करने पहुंचे तो किसी स्कूल में प्राचार्य ही नहीं मिले तो कहीं कुछ कमी देखने को मिली। जिस पर कार्रवाई करते हुए देहरादून के 3 सरकारी और 1 निजी स्कूल को अव्यवस्थाएं मिलने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया है। निजी स्कूलों में फीस जमा न कर पाने के कारण छात्रों को क्लास से निकाला जा रहा है।

बता दें कि, मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सतीश सहसपुर और सेलाकुई के सरकारी स्कूलों में औचक निरिक्षण पर पहुंचे। इस दौरान स्कूलों के हालत देख वो सकते में आ गए, स्कूल में जहां एक तरफ इन स्कूलों में प्राचार्य नदारद मिले तो वहीं दूसरी तरफ इन स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था नहीं थी और न ही सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था।

जिसे देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी ने इन स्कूलों के प्राचार्य दुर्गेश नंदिनी बहुगुणा, उषा चौधरी और संजय जैन को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है। इसके साथ ही देहरादून के ग्रेस अकेडमी के प्राचार्य को भी छात्र को क्लास से निकालन के मामले में कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

गौरतलब है कि, ग्रेस अकेडमी के स्कूल प्रबंधन की ओर से एक छात्र को इसलिए ऑनलाइन क्लासेज से निकाल दिया गया, क्योंकि छात्र के अभिभावक स्कूल फीस देने में असमर्थ थे। जबकि शिक्षा निदेशालय की ओर से पहले ही नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है कि, किसी भी छात्र को फीस न दे पाने की स्थिति में ऑनलाइन क्लासेस या फिर स्कूल से निकाला नहीं जा सकता।