कुंभ 2021: पूर्व सीएम से नाराज संतो ने जताया सीएम तीरथ का आभार

पूर्व सीएम से नाराज संतो ने जताया सीएम तीरथ का आभार

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार में कुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना को देखते हुए लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा लिए गए है। अब हरिद्वार स्नान के लिए आने पर कोरोना रिपोर्ट लाने की बाध्यता नही होगी। आज हरिद्वार संतो से मिलने पंहुचे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संतो से बातचीत के बाद कहा कि, कुम्भ में देश भर से कोई भी आये किसी के लिए कोई रोकटोक नही होगी। कुम्भ में अब साधु संतों के टेंट भी लगेंगे और कथा पंडाल भी बनेंगे। इसको लेकर साधु संतों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है और उनके द्वारा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का धन्यवाद किया गया।

हरिद्वार में कुम्भ महापर्व में अगर आप गंगा स्नान करने के लिए आना चाहते है तो आपका कुम्भ नगरी पलक पावडे बिछाए इंतेजार कर रही है। अब आप बेरोकटोक कुम्भ में आकर गंगा स्नान कर पुण्य लाभ ले सकते है। अभी तक कुम्भ में आने के लिए कोविड महामारी को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए कोरोना रिपोर्ट सहित कई तरह की बंदिशे लगी हुई थी। मगर राज्य में नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पदभार संभालते ही कुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने की घोषणा की थी। आज उन्होंने हरिद्वार में साधु संतों से मुलाकात के बाद साफ कर दिया कि, कुम्भ में आने वालों के लिए ना तो कोरोना रिपोर्ट लानी होगी और ना ही कोई रोकटोक होगी। बस कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाये रखना जरूरी होगा।

उन्होंने कहा कि, लोगो को कुम्भ का 12 साल इंतेजार रहता है। ऐसे में हम देश भर के श्रद्धालुओं को कुम्भ में बेरोकटोक आने का निमंत्रण देते है। श्रद्धालु आये और पवित्र गंगा में कुम्भ स्नान करें। उनका कहना है कि, कुंभ मेले में सरकार द्वारा जो भी व्यवस्था देनी होगी हमारे द्वारा दी जाएगी। पहले शाही स्नान में भी हमने यह करके दिखाया है। हेलीकॉप्टर के माध्यम से संत पर पुष्प वर्षा की गई, हमारे द्वारा आने वाले बड़े तीन शाही स्थानों के लिए भी बड़ी तैयारियां की गई, स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ श्रद्धालुओं को बॉर्डर से लाने की व्यवस्था भी की गई है।

कुम्भ में कोरोना रिपोर्ट की अनिवार्यता हटाये जाने और सभी को बेरोकटोक आने के साथ ही साधु संतो को सभी प्रकार की व्यवस्था दिए जाने के मुख्यमंत्री के एलान का संतो ने स्वागत किया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत निरंजनी अखाड़े में साधु संतों का आशीर्वाद लेने आए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष होने के नाते मेरे द्वारा उनसे मांग की गई कि, सभी 13 अखाड़ों के टेंट लगाए जाए और महामंडलेश्वर नगर बसाया जाए, कथा भागवत और सत्संग भी हो। उनके द्वारा हमें आश्वासन दिया गया है कि, अब मेला क्षेत्र में साधु संत कैम्प बना सकेंगे और कथा पंडाल भी लग सकेंगे। इनका कहना है कि, मुख्यमंत्री ने सभी 13 अखाड़ो, महामंडलेश्वरों को कुम्भ क्षेत्र स्थान उपलब्ध करा कर बिजली पानी की सभी सुविधाएं दिए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दे दिए है।

निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री अपने नाम के अनुरूप बेहतरीन काम भी कर रहे है। उनके द्वारा अनुमति दी गई है कि, कुंभ मेले में श्रद्धालु गंगा में स्नान करें और संतों की सभी व्यवस्था भी की जाएगी। इससे संत समाज के साथ-साथ सभी समाज के लोग काफी खुश है। हम उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री को बहुत आशीर्वाद और साधुवाद देते हैं और हम आशा करते हैं कि, वह आगे भी मुख्यमंत्री बने रहे। आज मुख्यमंत्री संतो के पास आए हैं। अब हमारी सारी परेशानी खत्म हो जाएगी अब कुंभ दिव्य और भव्य होगा।

बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे संत अब नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि उनके द्वारा सभी प्रकार की पाबंदी श्रद्धालुओं से हटाई जा रही है और साथ ही साधु-संतों की भी सभी व्यवस्थाएं शासन द्वारा देने का आश्वासन दिया गया है। अब देखना होगा कि, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कितनी जल्दी साधु-सतों को दी जाने वाली सुविधाएं संतो को मुहैया कराते हैं।