प्रशासन के ढुलमुल रवैये से नाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष

प्रशासन के ढुलमुल रवैये से नाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष

कहा कुंभ में अगर शौचालय की व्यवस्था नहीं की तो खुले में शौच करने पर होंगे मजबूर

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और कुंभ मेले के तमाम अधिकारियों द्वारा कल सभी अखाड़ों में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया गया था। इन सभी कार्यों को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी नाराजगी दिखाई है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग करी है कि, संतो को देने वाली सभी सुविधाओं के लिए मेला अधिकारी को निर्देश करें। कहा कि अगर संतो को सुविधा नहीं दी जाती है तो सभी साधु संत खुले में शौच करने को होगे मजबूर हो जाएंगे। वही महंत नरेंद्र गिरि ने हरिद्वार में 11 वर्षीय मासूम बच्ची की निर्मम हत्या किए जाने पर सरकार से मांग की कि, जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर सजा-ए-मौत दी जाए।

कुंभ मेला शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष बचा है। इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा कल तमाम अखाड़ों में मेला प्रशासन द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। मगर इस निरीक्षण के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि कार्यों से काफी नाराज नजर आ रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी और मेले के तमाम अधिकारियों ने मेला क्षेत्र और सभी अखाड़ों में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। मगर कहीं भी व्यवस्थित कार्य नहीं दिखाई दिया। गौरी शंकर महामंडलेश्वर नगर और बैरागी कैंप सभी अखाड़ों में हो रहे कार्यों में तेजी नहीं है और जहां पर 26 से 27 पुल बने थे, वहां 8 पुल बनाए जा रहे हैं। इनका कहना है कि मेला अधिकारी ऊपर से निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है। हर बार हरिद्वार कुंभ में एक जनवरी को मेले का नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मेला अधिकारी को निर्देशित करें कि सभी अखाड़ों को दी जाने वाली जमीनों का आवंटन शुरू करें और सभी तरह की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराएं। क्योंकि किसी भी परिस्थिति में कुंभ मेला दिव्य और भव्य होगा। अब कोरोना महामारी का प्रकोप बहुत कम है मगर फिर भी हम सरकार द्वारा बताई जा रही गाइडलाइन से चलने को तैयार है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने एक बार फिर राजनीतिक पार्टियों द्वारा की जा रही बड़ी बड़ी रैलियों पर निशाना साधा और कहा कि जब सभी पार्टियां बड़ी बड़ी राजनीतिक रैलियां कर रही है और सभी बड़े कार्य हो रहे हैं तो कुंभ मेले के बारे में इतना सोचने का प्रश्न ही नहीं उठता है। क्योंकि प्रयागराज का माघ मेला यहां के कुंभ मेले के बराबर होता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए हैं कि, प्रयागराज का मेला विधिवक्त परंपरा के अनुसार पहले के जैसा ही होगा। आज वहां आचारवाड़ा खाक चौक जमीन बाटी गई है। वहां 4 से 5 लाख टेंट लगाए जाएंगे। हम उत्तराखंड सरकार से मांग करते हैं कि, अभी कुछ समय है मेला अधिकारी और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे कि, मेला कराना है।

क्योंकि अभी मेला अधिकारी और सभी अधिकारी भ्रमित है कि, मेला कराना है या नहीं। इनका कहना है कि अगर सरकार हमें मूलभूत सुविधा नहीं देती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट खुले में शौच मुक्त का काफी महत्व है। मगर हम खुले में शौच जाने को मजबूर हो जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से हुई बैठक में मैंने साफ शब्दों में कहा था कि आपके अधिकारी आपकी बात मानते नहीं है या फिर मुख्यमंत्री को समझते नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुंभ मेला कराने में अहम भूमिका निभाए और आगे आकर बोले कि मेला होगा।

वही हरिद्वार में 11 साल की मासूम बच्ची की निर्मम हत्या किए जाने को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि, यह घटना बहुत ही दुखद है। ऐसी घटना न हो इसके लिए सख्त कानून बनाना चाहिए। पहले भी इस तरह की घटनाओं के लिए कानून बन चुका है। इस तरह के दरिंदों को फांसी की सजा दी जाती है। हम उत्तराखंड सरकार से मांग करते हैं कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार करें और जल्द से जल्द आरोपियों को सजा-ए-मौत दिलवाए। वहीं नरेंद्र गिरी ने लोगों से अपील करी कि, आस पड़ोस में रहने वाले लोगों की जांच की जाए। क्योंकि आजकल लोग जानवर हो गए हैं। ऐसी घटना जानवर ही कर सकता है। इस घटना को लेकर पूरा संत समाज पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि कुंभ मेले को लेकर शासन और मेरा प्रशासन के ढुलमुल रवैये से नाराज नजर आए और उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग करी ह