बागवानों के लिए हाथी बने मुसीबत। उजाड़ डाले कई खेत और बगीचे

बागवानों के लिए हाथी बने मुसीबत। उजाड़ डाले कई खेत और बगीचे

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग के लालपानी कम्पार्टमेंट से सटे रामपुर, कुम्भीचौड क्षेत्र मे जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम ही नही ले रहा है। वन विभाग द्वारा लाखों रुपये से बनाई गयीं सुरक्षा दीवार अधिकांश जगहों पर देख-रेख के अभाव में व हाथीयों द्वारा क्षतिग्रस्त किए जाने के कारण टूट गई है। जिसके कारण हाथियों को ग्रामीणों के खेतों मे जाने के लिए सुलभ हो गया है। टूटी सुरक्षा दीवार से न केवल हाथियों का रास्ता बना है, साथ ही जंगली सुअर, जडाऊ व अन्य जंगली जानवर भी किसानों की नींद उडाए हुए हैं।

आजकल किसानों की धान की फसल पक कर तैयार हो चुकी है। पकी धान की फसल की खुशबू हाथियों और सुवरों के लिए वरदान साबित हो रही है। हाथियों और सुवरों के झुंड के झुंड जब खेतों मे घुसते हैं तो कई बीघे फसल को तहस-नहस कर डालते हैं। जंगली हाथियों का कहर यही नहीं थमता क्षेत्र मे आम-आंवलों के बगीचों को भी उजाडऩे में क़ोई कोर कसर नही छोडते। किसान हरीश नेगी के बगीचे को हाथियों ने जिस प्रकार तहस-नहस किया है वह फोटोज और वीडियो से देखने से साबित हो जाता है।

हरीश नेगी के अनुसार इसकी शिकायत उन्होंने वन विभाग से की तो वन विभाग द्वारा गस्त तो की जाती है, लेकिन जंगली हाथी रुकने का नाम ही नही ले रहे है। डीएफओ लैन्सडाउन द्वारा आश्वासन दिया गया है कि, हाथी सुरक्षा दीवार का जीर्णोद्धार शीघ्र कर दिया जाएगा। शेष सुरक्षा का एस्टीमेट शासन को भेजा जा रहा है।