हरिद्वार: स्केप चैनल के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहित

स्केप चैनल के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहित

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। पौराणिक हरकी पैड़ी से होकर बहने वाली गंगा धारा को स्केप चैनल घोषित करने वाले शासनादेश का मुद्दा धर्मनगरी हरिद्वार में एक बार फिर से गरमा गया है। स्केप चैनल वाले शासनादेश को रद्द करने की माँग को लेकर हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित हर की पैड़ी पर बने हनुमान मंदिर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है। इन तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि, स्केप चैनल घोषित करने वाले शासनादेश को वर्तमान सरकार रद्द करें। यह शासनादेश आस्था के साथ खिलवाड़ है । जिसे बर्दास्त नही किया जायेगा। जब तक शासनादेश रद्द नही होता तब तक तीर्थ पुरोहितों का यह धारना जारी रहेगा।

गंगा को स्केप चैनल घोषित करने वाले शासनादेश को रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित सौरभ सिखौला का कहना है कि, हरीश रावत की कांग्रेस सरकार द्वारा गंगा को स्केप चैनल वाला शासनादेश जारी करने के बाद से ही हरिद्वार का तीर्थ पुरोहित समाज इसका विरोध कर रहा है और बीजेपी सरकार ने भी यह शासनादेश वापस करने का वादा करीब तीन वर्ष पूर्व किया था। अब बीजेपी सरकार को भी बने तीन साल हो गए, लेकिन अभी तक ये शासनादेश रद्द नहीं किया गया। वादे किए जा रहे है मगर शासनादेश वापस नही लिया जा रहा है। इसको लेकर हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित में रोष है और अब तीर्थ पुरोहित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। तीर्थ पुरोहित वैभव ने आरोप लगाया कि पहले कांग्रेस और अब बीजेपी सरकार ने अविरल बहने वाली माँ गंगा की धारा को बांधकर आस्था से खिलवाड़ किया है। अब तीर्थ पुरोहित समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और जब तक सरकार स्केप चैनल वाले शासनादेश को रद्द नहीं करती उनका ये धरना जारी रहेगा।

स्केप चैनल के मुद्दे को उत्तराखंड हाईकोर्ट तक ले जाने वाले हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित अनमोल वशिष्ठ का कहना है कि, इस मुद्दे को लेकर मेरे द्वारा 16 जून 2020 को हाईकोर्ट में एक पीआईएल डाली गई थी, इस मामले में तत्कालीन उत्तराखंड सरकार द्वारा 16 दिसंबर 2016 को एक शासनादेश जारी कर गंगा की धारा को सकैप चैनल घोषित किया गया है। इसमे मा० हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश किया था कि, सरकार बताए कि यहां गंगा की निर्मल धारा है या सकैप चैनल है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और मंत्री मदन कौशिक ने इस मुद्दे को लेकर कई मीटिंग की है। मगर कोई नतीजा आज तक नही निकला है। सरकार ने आज तक धरातल पर कोई जिओ सकैप चैनल को लेकर नही जारी किया है। वर्तमान सरकार अगर इस शासनादेश को रद्द नही करती है तो यह वर्तमान सरकार की बड़ी नाकामी होगी।

तत्कालीन सरकार द्वारा एक शासनादेश जारी कर गंगा की निर्मल धारा को स्केप चैनल घोषित कर दिया गया था, यह मुद्दा अब एक बार फिर गरमा गया है और हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित इस मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है। वही इस मामले में वर्तमान भाजपा सरकार के ढुल मूल रवैये से भी तीर्थ पुरोहित में रोष है। अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे इन तीर्थ पुरोहितों ने मांग ना माने जाने तक यह धारना जारी रखने की चेतावनी दी है।