आसन नदी के बीचों-बीच वन गुज्जरों का डेरा। जलस्तर बढ़ने से हो सकती है जानमाल की हानि

आसन नदी के बीचों-बीच वन गुज्जरों का डेरा। जलस्तर बढ़ने से हो सकती है जानमाल की हानि

 

रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। सहसपुर विधानसभा अन्तर्गत आसन नदी में दर्जनो वन गुजर परिवारो ने अपने डेरे नदी के बीच में बनाए हुए है। वहीं मानसून भी अपनी दस्तक दे चुका है। लगातार तीन दिन से पछ्वादून क्षेत्र में बारिश भी हो रही है। ऐसे में नदी का जलस्तर बढ़ने से भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है। हर बरसात में आसन नदी में वन गुजरो के मवेशी और परिवार फंस जाते है। कई बार मवेशी बहकर मर भी चुके है। बावजूद इसके शासन-प्रशासन गंभीर नही है।बताते चलें कि, वर्तमान में शीशमबाड़ा से लेकर कुल्हाल तक दर्जनो वन गुजर परिवारो ने अपने डेरे आसन नदी के बीच में बनाए हुए है। जिनमे सैकड़ों लोग और बच्चे रह रहे है। ऐसे में अगर तेज बारिश होती है तो नदी का जलस्तर बढ़ने पर वन गुजर और मवेशी नदी के तेज बहाव में बह सकते है। भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है। जहां वन गुजर परिवारो ने अपने डेरे बनाए हुए है। यहां से रोजाना शासन-प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि गुजरते है। लेकिन कोई भी इस गंभीर समस्या को लेकर चिंतित दिखाई नहीं दे रहा है, या ये भी कह सकते है कि, कोई बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहे है।