त्रिवेन्द्र सरकार बनी झूट का पुलिंदा, जनता को किया गुमराह
- वर्ष 2018-19 में दर्शायी गई रू 1,98,738/- प्रति व्यक्ति आय….
- वर्ष 2017-18 में दर्शायी गई रू0 1,73,820/- प्रति व्यक्ति आय….
- पूर्ववर्ती सरकार के समय 2016-17 में थी, रू 1,57,643/- प्रति व्यक्ति आय….
देहरादून। आज दिनांक-24/08/19 दिन शनिवार को एक वार्ता के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, प्रदेश सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति आय के जो आंकड़े जनता को दिखाये जा रहे हैं, वो धरातल पर पूरी तरह से फर्जी हैं।
नेगी ने यह भी कहा कि, वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय रू 1,98,738/-, वर्ष 2017-18 में रू 1,73,820/- दर्शायी गई है। जबकि, पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2016-17 में रू0 1,57,643/- थी, जबकि इन दो वर्षों में 2017-18 व 2018-19 में तेजी से प्रदेश का विकास ठप्प हुआ है। यानि कृषि, वानिकी, पशुधन, उद्योग, रियल स्टेट, खनन आदि तमाम कारोबारों में भारी गिरावट आयी है तथा देश की मीडिया में भी अब सच्चाई सामने आने लगी हैं।
- कृषि वानिकी, पशुधन, उद्योग खनन, रियल स्टेट आदि क्षेत्रों में है भारी गिरावट….
रघुनाथ सिंह नेगी यह भी बोले कि, ऐसे समय में, जब प्रदेश में किसान खेती, पशुधन आदि से विमुख् हो रहा हो, वैध खनन लगभग बंद कर दिया गया हो। खेती जंगली जानवरों व पलायन के कारण चैपट हो गयी हो, रियट स्टेट के कारोबार को नोटबंदी व जीएसटी ने तबाह कर दिया हो, ऐसी परिस्थितियों में प्रति व्यक्ति की आय को फर्जी तरीके से बढ़ना निश्चित तौर पर चिन्ताजनक है।
- प्रदेश चला गया गर्त में, लेकिन जनता को दिखाया जा रहा सब्ज बाग….
जिस प्रदेश में कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए कर्ज लिया जा रहा हो तथा प्रदेश आर्थिक रूप से कंगाल हो गया हो, निश्चित तौर पर चिन्ताजनक है। वार्ता को जारी रखते हुए मोर्चा ने कहा कि, आंकड़े तब जारी किये जा रहे हैं, जब देश कृषि, वानिकी, उद्योग, पशुधन, रियल स्टेट आदि तमाम कारोंबारों के घटने से चिंतित है। मोर्चा ने जनता से आग्रह किया कि, अपनी निद्रा त्याग कर सरकार से हिसाब ले।