ट्रंचिंग ग्राउंड बना जनता के लिए मुसीबत। दुर्गंध से परेशान स्थानीय निवासी
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। नगर के कूड़ा निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश के समय बना ट्रंचिंग ग्राउंड लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 80 टन कूड़ा एकत्रित होता है, जिसकी वजह से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। जिसके निस्तारण के लिए निगम के पास पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है। ट्रंचिंग ग्राउंड से निकलती दुर्गंध ने झूला बस्ती, मुक्तिधाम, राजकीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। कई बार लोगों ने ट्रंचिंग ग्राउंड के उचित प्रबंधन के लिए आंदोलन भी किया, लेकिन हर आंदोलन बेअसर साबित हुआ।
वहीं, स्थानीय निवासी सुभाष जखमोला ने बताया कि, पूर्व नगरपालिका के समय का बना ट्रंचिंग ग्राउंड अब नगर निगम के कूड़े निस्तारण लिए छोटा पड़ गया है। उन्होंने बताया कि, पहले नगर पालिका छोटी थी, लेकिन अब नगर निगम में पूरा कोटद्वार, भाबर, सिगड़ी क्षेत्र तक सम्मिलित कर दिया गया है। इस बढे़ हुए क्षेत्रफल का तत्काल संज्ञान लेते हुए इस ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए पर्याप्त भूमि की व्यवस्था कर ट्रंचिंग ग्राउंड को यहां से अन्यत्र शिफ्ट कर देना चाहिए।
नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि, हमने नगर निगम के ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए दो प्रस्ताव बनाए है। एक तो फॉरेस्ट लैंड है, जो कि हल्दूखाता पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास है। उसका प्रस्ताव डीएफओ स्तर पर लंबित है। दूसरा प्रपोजल सिगड्डी स्थित सिडकुल की जमीन के लिए बनाया है। हमने सिडकुल को 2 हेक्टेयर भूमि ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए ट्रांसफर करने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।