इधर सरकारी स्कूलों में घटती छात्रों की संख्या, उधर छात्रों के लिए स्कूल में बैठने की जगह नहीं
देहरादून। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या तेजी से घट रही है। 2800 से अधिक ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें इनकी संख्या 10 या फिर इससे भी कम रह गई है।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में घटती छात्र संख्या पर शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा महानिदेशालय स्तर पर जांच समिति गठित की जाएगी जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या तेजी से घट रही है। 2800 से अधिक ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें इनकी संख्या 10 या फिर इससे भी कम रह गई है।
विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने इस पर चिंता जताते हुए मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि विभाग से इसकी एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। जिसके आधार पर विद्यालयों में छात्रवृद्धि को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश सुनिश्चित करने, किताबों, स्कूल ड्रेस और मनमानी फीस वृद्धि को लेकर विभाग की ओर से जारी टोल फ्री नंबर पर दर्ज शिकायत का शीघ्र निस्तारण करने के भी निर्देश दिए गए हैं
विद्यालयों में जरूरत के अनुसार शुरू होंगे नए विषय
शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा, राजकीय विद्यालयों में आवश्यकतानुसार नए विषय शुरु किए जाएंगे। इसके लिए सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने जिलों के प्रस्ताव महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अभिभावक संघों की ओर से समय-समय पर नए विषय खोले जाने की मांग की जाती रही है। सभी सीईओ अपने जिलों के हर विधानसभा क्षेत्र में दो-दो विद्यालयों के उच्चीकरण एवं राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों की स्थापना के प्रस्ताव भेजेंगे।
इसी महीने शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश
शिक्षा मंत्री ने कहा,विद्यालयों के उच्चीकरण, क्लस्टर विद्यालयों की स्थापना, डी व सी श्रेणी के स्कूलों से संबंधित प्रस्ताव इस माह तक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए जिन जिलों से प्रस्ताव समय पर प्राप्त नहीं होंगे। ऐसे जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इसके अलावा डॉ. रावत ने अधिकारियों को सभी विद्यालयों में पेयजल, विद्युत, फर्नीचर, कंप्यूटर और शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
नए शैक्षणिक सत्र के लिए दाखिले। इस स्कूल में बैठने की जगह नहीं, बिना प्रवेश के लौट रहे छात्र
जीजीआईसी कारगी ग्रांट में मात्र 16 अन्य छात्राओं के प्रवेश की गुंजाइश बची है। हालांकि, प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, लेकिन सीटें सीमित होने से कई बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाएगा।
नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए इन दिनों विद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। अमर उजाला की विद्यालयों की चल रही पड़ताल में यह सामने आया कि जीजीआईसी कारगी ग्रांट में बुनियादी संसाधनों की कमी के कारण कई छात्रों को बिना दाखिले के लौटना पड़ रहा है। उधर, विद्यालय प्रबंधन सुविधाओं के अनुसार कक्षा नौ में इस बार सिर्फ 16 नए प्रवेश ही ले पाएगा।
शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय में कक्षों (क्लास) की कमी के चलते इस साल चाहकर भी सभी इच्छुक छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पाएगा। इससे कई छात्रों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय प्रबंधन के अनुसार, पिछले सत्र में विद्यालय में कुल 287 छात्राएं अध्ययनरत थीं, जिनमें कक्षा नौ में कुल 89 छात्राएं थीं।
केवल 65 छात्राओं को दाखिला देने का निर्णय लिया इस कारण इस कक्षा को दो वर्गों में विभाजित किया गया था। अब यही छात्राएं कक्षा 10 में पहुंच चुकी हैं, जिससे कक्षा 10 भी दो भागों में संचालित की जाएगी। साथ ही कक्षा 11 और 12 में पहले से ही पर्याप्त छात्र संख्या है।
विद्यालय में कक्षाओं की सीमित उपलब्धता के कारण इस वर्ष विद्यालय प्रबंधन ने कक्षा नौ को एक ही कक्ष में संचालित करने की बात कहते हुए केवल 65 छात्राओं को दाखिला देने का निर्णय लिया गया है।
सीटें सीमित होने से कई बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाएगा
इन 65 छात्राओं में 49 छात्राएं फीडर विद्यालय-राजकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय कारगी ग्रांट से पहले ही आनी तय हैं। ऐसे में मात्र 16 अन्य छात्राओं के प्रवेश की गुंजाइश बची है।
हालांकि, प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, लेकिन सीटें सीमित होने से कई बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाएगा।
विद्यालय की ओर से इस समस्या को बीईओ रायपुर ब्लॉक के समक्ष रखते हुए अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की मांग की गई थी, लेकिन मामले में अभी तक कोई पहल नहीं की गई है।
यही समस्या राजकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय कारगी ग्रांट की भी है। यह विद्यालय जीजीआईसी कारगी ग्रांट का फीडर विद्यालय है। यानी राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कारगी ग्रांट से कक्षा आठ पास करने के बाद छात्राएं जीजीआईसी कारगी ग्रांट में दाखिला लेती हैं।
विद्यालय प्रबंधन ने बताया, कक्षाओं की सीमित उपलब्धता के कारण इस साल छात्राओं ने प्रधानाचार्या से नए बच्चों को दाखिला न देने का अनुरोध किया। पिछले सत्र में कक्षा छह में 52, सात में 52 और कक्षा आठ में 49 छात्र संख्या थी। जबकि कक्षाओं में अधिकतम 30 से 35 छात्राओं के बैठने की व्यवस्था है। इस कारण गर्मी के मौसम में पढ़ाई करने में परेशानी झेलनी पड़ती है।
विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की मांग के संबंध में इस साल जिला योजना में प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। -विनोद कुमार ढौंडियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी