एक्सक्लूसिव: उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों पर ‘जजिया कर’ का संकट

उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों पर ‘जजिया कर’ का संकट

  • भवन लागत पर 1% लेबर सैस थोपने के खिलाफ मोर्चा
  • शिक्षा व स्वास्थ्य महंगी होगी, अभिभावकों पर बढ़ेगा बोझ
  • जन संघर्ष मोर्चा जल्द ही सीएम दरबार में करेगा हस्तक्षेप

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं GMVN के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर शैक्षिक संस्थानों पर अनुचित कर थोपने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि भवन निर्माण एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा प्रदेश के प्राइवेट विद्यालय प्रबंधनों को भवन की लागत का एक फ़ीसदी लेबर सैस जमा करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जबकि यह लेबर लागत के आधार पर होना चाहिए था।

“भवन कर” की तरह लग रहा लेबर सैस

नेगी ने उदाहरण देते हुए कहा, यदि कोई भवन ₹1000 में बना और उसमें ₹150 लेबर खर्च आया, तो कर लेबर लागत के आधार पर ₹1.50 बनता है। लेकिन सरकार भवन लागत का एक फ़ीसदी यानी ₹10 वसूल रही है। यह लेबर कर न होकर भवन कर जैसा प्रतीत होता है।

शिक्षा और स्वास्थ्य महंगी होगी

मोर्चा अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि इस तरह का सैस सीधे तौर पर छात्रों और अभिभावकों पर बोझ डालेगा और शिक्षा महंगी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल व अन्य संस्थानों पर भी यही टैक्स लगाने की तैयारी है, जो जनता के लिए दोहरी मार साबित होगी।

सीएम दरबार में उठेगा मामला

नेगी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “हर चीज में टैक्स पर टैक्स लगाकर जनता का तेल निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है। मोर्चा जल्द ही इस थोपे गए जजिया कर में संशोधन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री दरबार में दस्तक देगा।”