UCC लागू होने के बाद हर जिले से मिल रहे रोजाना आवेदन, मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हुई आसान
- मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हुई आसान अब अपलोड नहीं करना होगा ये डॉक्यूमेंट
देहरादून। 27 जनवरी 2025 को यूसीसी लागू होने से पूर्व जिन लोगों का पहले शादी का पंजीकरण हो रखा है, उन पर नए कानून के तहत आवेदन के समय वीडियो केवाईसी की बाध्यता नहीं होगी
राज्य में यूसीसी कानून लागू होने के बाद सरकार को अब तक 94 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 73,093 आवेदन केवल विवाह पंजीकरण के लिए हैं। नए कानून के तहत लिव इन रिलेशनशिप के लिए 46 आवेदन किए गए हैं।
यह जानकारी सचिव गृह शैलेश बगौली की समीक्षा बैठक के दौरान दी गई। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में यूसीसी पोर्टल पर विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण के बारे में जानकारी ली।
बैठक में बताया गया कि, यूसीसी पोर्टल पर हर जिले से रोजाना औसतन 174 आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। अभी तक 19,956 आवेदन पंजीकृत विवाह की स्वीकृति के लिए 430 वसीयतनामा के लिए, 136 तलाक/विवाह की शून्यता और चार आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार के संबंध में किए गए।
इनमें से 89 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। करीब पांच प्रतिशत आवेदन निरस्त किए गए तथा शेष प्रक्रियाधीन हैं।
वर्तमान में औसतन 174 आवेदन प्रति जनपद प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। सचिव बगौली ने जिलाधिकारियों को यूसीसी से संबंधित सेवाओं, विशेष रूप से विवाह पंजीकरण के क्षेत्र में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए।
इन्हें नहीं करानी होगी वीडियो केवाईसी
बैठक में स्पष्ट किया गया कि 27 जनवरी 2025 को यूसीसी लागू होने से पूर्व जिन लोगों का पहले शादी का पंजीकरण हो रखा है, उन पर नए कानून के तहत आवेदन के समय वीडियो केवाईसी की बाध्यता नहीं होगी।
किंतु उन लोगों को वीडियो केवाईसी करानी होगी, जिन्होंने कानून लागू होने से पूर्व विवाह पंजीकरण नहीं कराया था। नए आवेदनों पर भी वीडियो केवाईसी की शर्त लागू रहेगी।
आवेदन निरस्त क्यों हो रहे हैं, समीक्षा करें डीएम
सचिव ने निर्देश दिए जिन जिलों में बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं उन पर आपत्ति करते हुए निरस्तीकरण के कारणों की समीक्षा की जाए। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2010 के बाद हुए विवाह के पंजीकरण में रुद्रप्रयाग (29 प्रतिशत), उत्तरकाशी (23 प्रतिशत) और चमोली (21 प्रतिशत) ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
अब केवल 382 पंचायतों से आवेदन प्राप्त नहीं हुए
बैठक में बताया गया कि पिछले एक माह में प्रदेश की लगभग सभी ग्राम पंचायतों को यूसीसी सेवाओं से आच्छादित करने के लक्ष्य में तीव्र प्रगति हुई है।
जहां पहले 4,141 ग्राम पंचायतें शेष थीं, अब मात्र 382 पंचायतें ऐसी रह गई हैं। जिनसे अभी तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इस के लिए भी सचिव ने अभियान चलाकर जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार के कार्य करने के निर्देश दिए।
मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हुई आसान, अब अपलोड नहीं करना होगा ये डॉक्यूमेंट
समान नागरिक संहिता के अंतर्गत पोर्टल पर विवाह पंजीकरण के लिए आवेदक को अब अपना फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए दूसरा रास्ता निकाला गया है। जिसके बाद अब मैरिज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कुछ आसान हो जाएगी। वहीं प्रदेश में अभी तक लिव इन में रहने के लिए 46 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
समान नागरिक संहिता के अंतर्गत पोर्टल पर विवाह पंजीकरण के लिए आवेदक को अब अपना फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह फोटो स्वत: ही आधार कार्ड से लिया जाएगा।
साथ ही पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति के लिए गवाह के वीडियो केवाइसी की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। समान नागरिक संहिता के तहत प्राप्त पंजीकरण प्रमाण पत्र को अब डिजी लाकर पर उपलब्ध कराने की कार्रवाई चल रही है। प्रदेश में अभी तक लिव इन में रहने के लिए 46 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
सचिव गृह शैलेश बगौली की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण के संबंध में समीक्षा की बैठक की गई। बैठक में बताया गया कि यूसीसी पोर्टल पर अब तक लगभग 94,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण को औसतन 174 आवेदन
इनमें से 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण, 19,956 आवेदन पंजीकृत विवाह की स्वीकृति, 430 आवेदन वसीयतनामा व उत्तराधिकार, 136 तलाक की शून्यता और चार आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार से संबंधित हैं।
इनमें से 89 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृत और लगभग पांच प्रतिशत को निरस्त किया गया है, शेष पर प्रक्रिया गतिमान है। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण को औसतन 174 आवेदन जिलों को प्राप्त हो रहे हैं।
सचिव गृह ने बैठक में सभी जिलाधिकारियों को समान नागरिक संहिता से संबंधित सेवाओं के पंजीकरण को जनजागरूकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कार्मिकों के शत-प्रतिशत पंजीकरण पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों में आवेदन पत्र निरस्त किए जा रहे हैं, वहां इनके कारणों की समीक्षा की जाए। यह भी बताया गया कि प्रदेश में अब केवल 382 ग्राम पंचायतें ऐसी रह गई हैं, जहां से किसी भी प्रकार के आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं।
लिव इन की गोपनीयता सुनिश्चित करने के निर्देश
सचिव गृह ने सभी जिलाधिकारियों को लिव इन पंजीकरण के मामलों में गोपनीयता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि कई स्थानों पर लिव इन के आवेदन व पंजीकरण होने के बारे में बताया जा रहा है। इससे आवेदकों की गोपनीयता भंग होने की आशंका रहती है। ऐसे में लिव इन के मामलों में गोपनीयता बरकरार रखी जाए।
बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती व निदेशक आइटीडीए नितिका खंडेलवाल व आनलाइन माध्यम से जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।