बड़ी खबर: आफत की बरसात। इधर विद्युत आपूर्ति ठप, उधर मलबे में दबने से दो बच्चों की मौत

आफत की बरसात। इधर विद्युत आपूर्ति ठप, उधर मलबे में दबने से दो बच्चों की मौत

रिपोर्ट- गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल में मंगलवार देररात भारी बरसात के चलते हरा भरा पेड़ टूटकर विद्युत पोल पर जा गिरा। रात हुई इस घटना के बाद से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप है।

नैनीताल में मंगलवार को हुई भारी बरसात के कारण लोगों को काफी दिखकतों का सामना करना पड़ा। मल्लीताल के सी.आर.एस.टी. स्कूल के ऊपरी शेर का डांडा क्षेत्र में रात बारह बजे एकभरी भरकम पेड़ टूटकर बिजली के पोल पर गिर गया।

पेड़ के झटके से आसपास के बिजली के पोल भी हिल गए और कमजोर हो गए हैं। इस घटना के बाद से ही एक बड़े क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई ही। सूचने के बाद पेड़ को हटाने के लिए दमकल विभाग के जवान मौके पर पहुंचे।

गनीमत ये रही कि, इस घटना में किजी कई जान माल का नुकसान नहीं हुआ। रात के अंधेरे में हुई इस घटना से आबादी क्षेत्र में बड़ा नुकसान हो सकता था।

भूस्खलन से दो बच्चो की मौत, एक घायल

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग के रात 12 बजे गौरीकुंड में भू स्खलन से दो बच्चो की मौत हुई है और एक बच्ची घायल हुई है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

आपको बताते चलें कि, गौरीकुंड में 23 लोगों के मलवे में दबने की घटना को 5 दिन ही हुए हैं, आज एक बार फिर से गौरी गांव में हेलीपैड से आगे गांव के नीचे एक नेपाली परिवार के ऊपर खेत से आए मालवे की चपेट में तीन बच्चों के दबाने की सूचना मिली है।

पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी विमल रावत एंव जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि राहत बचाव टीमो ने मौके पर पहुंचकर एक बच्ची को सकुशल तथा दो अन्य बच्चों को चिकित्सालय गौरीकुंड पहुंचाया।

इस घटना में तीन बच्चों के दबने की सूचना थी जिसमें बड़ी लड़की स्वीटी 8 वर्ष,छोटी लड़की पिंकी 5 वर्ष तथा एक छोटा बच्चा जो मालवे में दबे थे उनको अस्पताल पहुंचाया गया है जिनमें से स्वीटी ठीक है जिसका उपचार कियाजा रहा है।

जबकि दो अन्य बच्चों को चिकित्सक द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। बच्चों का पिता सत्यराज अपने गांव नेपाल जा रखा है।जबकि माता जानकी बच्चों के साथ ही डेरे में सो रही थी।

जानकी मलवे आने के बाद डेरे से बाहर सकुशल निकल आई थी जबकि बच्चे मलबे में दबे रह गए थे।
गौरी कुंड पुलिस, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ एवं स्थानीय लोगों की मदद से बच्चो को बाहर निकाला गया।