बड़ी खबर: धामी सरकार की पहल। उत्तराखंड में योग व ध्यान केंद्र बनाओ। 20 लाख तक सब्सिडी पाओ

उत्तराखंड में योग व ध्यान केंद्र बनाओ। 20 लाख तक सब्सिडी पाओ

देहरादून। योग को सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक व पर्यटन आधारित मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड योग नीति को मंजूरी दे दी है।

उत्तराखंड को योग व वेलनेस की वैश्विक राजधानी

विकसित करने के लिए योग नीति को मंजूरी मिल गई है। इस नीति में योग एवं ध्यान केंद्र विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में 50 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख, मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा प्रदेश में 13 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

योग को सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक व पर्यटन

आधारित मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड योग नीति को मंजूरी दे दी है।

इस नीति में योग व वेलनेस के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया गया। जिसमें योग व ध्यान केंद्र बनाने पर प्रदेश सरकार 20 लाख रुपये तक सब्सिडी देगी।

इसके अलावा जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील, कोलीढेक झील को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। मार्च 2026 तक प्रदेश के सभी आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों में योग की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।

योग केंद्रों का होगा पंजीकरण

नीति में योग केंद्र व संस्थानों का शत प्रतिशत पंजीकरण करने का प्रावधान किया गया। इसके लिए विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म शुरू किया जाएगा। अभी तक प्रदेश में संचालित योग केंद्रों के पंजीकरण की व्यवस्था नहीं है।

10 लाख तक शोध परियोजनाओं पर मिलेगा अनुदान

योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए नीति में 10 लाख तक परियोजना को अनुदान देने का प्रावधान किया गया।

विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान, स्वास्थ्य संगठन, आयुर्वेद संस्थाएं व एनजीओ को शोध के लिए अनुदान का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए नीति में एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की गईं।

इसके अलावा राज्य में पहले से चल रहे होमस्टे, रिसॉर्ट, होटल, स्कूल, कॉलेज में स्थापित होने वाले योग केंद्रों में रखे जाने वाले योग अनुदेशक के लिए प्रति सत्र 250 रुपये की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। एक योग अनुदेशक को प्रति माह 20 योग सत्रों के लिए प्रतिपूर्ति की जाएगी।

योग व प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय बनेगा

नीति में योग व प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय की स्थापना करने का प्रावधान किया गया। जो नीति के संचालन, नियमन, अनुदान वितरण और विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करेगा।

निदेशालय में एक निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, योग विशेषज्ञ, रजिस्ट्रार और अन्य आवश्यक स्टाफ शामिल होंगे।

निदेशालय का कार्य योग केंद्रों की गुणवत्ता, पंजीकरण और योग प्रमाणन बोर्ड से मान्यता प्राप्त करना, योग केंद्रों की रेटिंग प्रणाली बनाना के साथ ही एमओयू के माध्यम से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना होगा।

पांच साल में सब्सिडी पर 35 करोड़ होंगे खर्च

प्रदेश सरकार योग नीति में दी जाने वाली सब्सिडी पर पांच साल में 35 करोड़ खर्च करेगी। इसमें योग केंद्रों के लिए 25 करोड़, अनुसंधान के लिए एक करोड़, शिक्षक प्रमाणन के लिए 1.81 करोड़ और मौजूदा संस्थानों में योग सत्रों के लिए संचालन में सहयोग पर 7.5 करोड़ के व्यय का अनुमान है। नीति की समीक्षा व निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय राज्य समिति का गठन किया जाएगा।

योग सर्टिफिकेशन बोर्ड की प्रमाणन परीक्षा में सफल रहने वाले योग अनुदेशकों को परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी। हर साल 500 योग अनुदेशकों को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही 10 हजार योग अनुदेशकों को होटल व होमस्टे में रोजगार मिलेगा।

योग नीति को मंजूरी मिलने से उत्तराखंड योग व वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। नीति में निवेश, शोध, प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया। – दीपेंद्र चौधरी, सचिव आयुष।