चुनाव आयोग ने जारी किए पांचवें चरण तक के मतदान के आंकड़े। पढ़ें….
भारतीय निर्वाचन आयोग ने पांचवें चरण तक के मतदान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। आयोग के मुताबिक़ 507,297,288 करोड़ मतदाताओं ने पांचवें चरण तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
चुनाव आयोग ने शनिवार को ये आंकड़ें जारी किए हैं.चुनाव आयोग के मुताबिक़ पांचवें चरण तक 62.20 फ़ीसदी मतदान हुआ है।
चुनाव आयोग द्वारा पांच फेज का वोटिंग फीसदी का डेटा जारी
फेज 1 : 66.14 फीसदी
फेज 2: 66.71 फीसदी
फेज3 : 65.68 फीसदी
फेज4 : 69.16 फीसदी
फेज5 : 62.20 फीसदी
चुनाव आयोग ने बताया है कि पांचवें चरण तक 764,080,337 लोगों के पास मतदान का अधिकार था और उनमें से 507,297,288 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है।
भारत में 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए सात चरण में वोट डाले जा रहे हैं। पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले गए थे. पांचवें चरण के लिए 20 मई को वोट डाले गए।
पहले से पांचवें चरण तक देश की 543 में से 428 लोकसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
25 मई को छठे चरण में वोट डाले गये हैं।
सातवें और आखिरी चरण में एक जून को मतदान होगा और लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित होंगे.
चुनाव आयोग ने 11 दिन की देरी के बाद बताया था कि पहले चरण में कितने फीसदी मतदान हुआ है।
आंकड़ें देरी से जारी होने पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे.विपक्षी दल सवाल उठा रहे थे कितने लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया ये आंकड़ें चुनाव आयोग जारी क्यों नहीं कर रहा है।
वहीं अब
चुनाव आयोग ने 25 मई को पिछले पांच फेज में हुए चुनाव का फाइनल डेटा जारी कर दिया है. पिछले पांच फेज में किस लोकसभा क्षेत्र में कितने फीसदी वोटिंग हुई है, आयोग ने इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी है। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए कुछ गलत नैरेटिव फैलाए गए हैं।
चुनाव आयोग का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग के आंकड़ों से संबंधित याचिका आयोग का आदेश देने से मना कर दिया।
सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई थी कि वोटिंग के 48 घंटे के भीतर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर बूथ- वाइज वोटर लिस्ट और फॉर्म 17 सी (जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए मतों की जानकारी होती है) की कॉपी जारी कर दी जाए।
लेकिन कोर्ट ने ऐसा आदेश देने से मना कर दिया।कोर्ट ने कहा कि चुनाव के बीच ऐसा नहीं किया जा सकता।
चुनाव आयोग ने कहा कि वोटिंग के आंकड़े जारी करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और फैसले से आयोग को काफी मजबूती मिली है और इससे उन पर चुनावी लोकतंत्र को बिना किसी रूकावट के पूरा करने की जवाबदेही बढ़ गई है. साथ ही चुनाव आयोग ने कहा..
वोटिंग के आंकड़ों को एकत्र करने और संग्रह करने की प्रक्रिया कठोर, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण है।
चुनाव आयोग ने वोटिंग के आंकड़ों को जारी करने में देरी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह हमेशा वोटर टर्नआउट ऐप पर 24X7 उपलब्ध रहता है। यहां शाम 5.30 बजे तक हरेक दो घंटे पर अनुमानित वोटिंग प्रतिशत प्रकाशित होता रहता है और शाम 7 बजे के बाद जब वोटिंग टीम लौटना शुरू करती है।
तो डेटा लगातार अपडेट किया जाता है. वोटिंग के दिन आधी रात तक, वोटर टर्नआउट ऐप सबसे नजदीकी अनुमानित वोट प्रतिशत(COP) जारी करता है।