बिग ब्रेकिंग: हाईकोर्ट ने आँचल दूध के मिलावट मामले में सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने आँचल दूध के मिलावट मामले में सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं और देहरादून की रायपुर आँचल फैक्ट्री द्वारा दूध में मिलावट करके अधोमानक दूध की सप्लाई किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर जवाब पेश करें। मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई की।

मामले के अनुसार हल्द्वानी के चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की। जनहित याचिका में कहा गया कि वर्ष 2016 में लालकुआं दुग्ध उत्पादक संघ ने बदायूं की नीलकंठ डेयरी से दूध मंगाया। जिन टैंकरों से दूध आया उनका वजन तक नहीं किया गया, जब वजन किया तो उनमें 3 से 4 हजार लीटर दूध कम पाया गया।

 

बीस अक्टूबर 2021 को फिर इसी डेयरी से 48 टैंकर दूध मंगाया गया, जिसका परीक्षण करने पर उसमें एल्कोहॉल की मात्रा मिली। 15 अक्टूबर 2022 को देहरादून की रायपुर आँचल डेयरी ने प्राची डेयरी से दूध खरीदा। जब इस दूध की वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने 4 जनवरी 2023 को जाँच करी तो दूध में मैलामाइन की मात्रा अधिक पाई गई।

ये भी कहा गया कि मैलामाइन एक कार्बन रसायन है जिसका उपयोग डेयरी उत्पादों के लिए होता है। जब इसकी मात्रा मानक से अधिक हो जाती है तो इससे फेफड़ों से सम्बंधित बीमारी हो जाती है और कभी यह कैंसर का रूप भी धारण कर लेता है।

याची ने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए सारे सबूतों के साथ 10 जनवरी 2024 को राज्य के मुख्य सचिव, सचिव गृह और डी.जी.पी.को प्रत्यावेदन दिया परन्तु उनके इस प्रत्यावेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। कार्यवाही नहीं होने के कारण उन्हें न्यायलय में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी।

याचिका में सचिव डेयरी, गृह सचिव, खाद्य सचिव, डी.जी.पी., जी.एम.आँचल डेयरी, जी.एम.लालकुआं दुग्ध उत्पादक संघ, मैनेजिंग डायरेक्टर उत्तराखंड कॉपरेटिव डेयरी, पूर्व डेयरी सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पूर्व डेयरी सचिव वी.आर.पुरषोत्तम, मुकेश बोरा अध्यक्ष नैनिताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं, सौरभ बहुगुणा केबिनेट मंत्री डेयरी विकास और जिलाधिकारी नैनीताल को पक्षकार बनाया है। भुवन ने मामले में खुद पैरवी की।