बड़ी खबर: फोटो जर्नलिस्ट की मौत के मामले में स्वास्थ्य सचिव का घेराव। जांच के आदेश

फोटो जर्नलिस्ट की मौत के मामले में स्वास्थ्य सचिव का घेराव। जांच के आदेश

उत्तराखंड के नैनीताल में ब्लॉगर और फ़ोटो जर्नलिस्ट अमित साह की अस्पताल की लापरवाही से मौत मामले में अमित के परिजनों और प्रशंसकों ने स्वास्थ्य सचिव आर राजेश को घेर दिया। नैनीताल के बी.डी.पाण्डे अस्पताल में घंटों सचिव को घेरने के बाद सचिव के आश्वासन के बाद आन्दोलनरत लोग वापस लौटे।

सोमवार लगभग दो बजे रात प्रसिद्ध छायाकार और यू ट्यूबर अमित साह के हार्ट में दर्द होने के बाद उनके परिजन उन्हें बी.डी.पाण्डे अस्पताल लेकर आए। आरोप है कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टर हासिम ने ई.सी.जी.रिपोर्ट हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ.सुधांशु को व्हाट्स एप पर भेजी।

डॉ सुधांशु ने मामले की गंभीरता समझते हुए अमित को तत्काल हायर सेंटर भेजने को कहा लेकिन ये संदेश इमरजेंसी के डॉक्टर ने अमित के परिजनों को नहीं दिया।

डॉक्टर की लापरवाही से मिली सलाह के बाद अमित को सवेरे हल्द्वानी ले जाने का निर्णय लिया गया। परिजन अमित को घर ले गए लेकिन दो से ढाई घंटे बाद अमित के शरीर ने रिपोन्स करना बंद कर दिया।
परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर आए, लेकिन दूसरी बार में अस्पताल पहुंचे डॉ सुधांशु ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर सुधांशु ने परिजनों से लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई और कहा कि उन्होंने ई.सी.जी.रिपोर्ट में हार्ट को गंभीर खतरा बताया और तत्काल हायर सेंटर ले जाने को कहा।

परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी के डॉक्टर ने लापरवाही से उन्हें अभी या सवेरे अस्पताल ले जाने को कहा। परिजन उसे घर ले गए जिसके कुछ देर बाद ही उसकी इलाज के एवज में मौत हो गई।

आज नाराज परिजनों और अमित के प्रशंसकों ने अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य सचिव आर राजेश को अस्पताल के हालातों और लापरवाहियों से अवगत कराया।

सचिव ने बताया कि उन्होंने सी.एम.ओ.और पी.एम.एस.को देहरादून तलब करने के साथ मामले में एक जांच के एदेश दे दिए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि अगर अस्पताल की तरफ से लापरवाही सामने आएगी तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।

परिजनों ने भी सचिव को कार्यवाही के लिए तीन दिनों का समय दिया है, कार्यवाही नहीं होने पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।