बड़ी खबर: उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्षा पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप

उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्षा पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप

– सेमवाल बोले, 2016 के बाद की भर्तियां अवैध हैं तो उससे पहले की भर्तियां वैध कैसे?….

– करीबियों को बचाने को 2016 से पहले के कर्मचारियों पर नहीं की कार्रवाई

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। साफ किया कि, जब डीके कोटिया समिति राज्य गठन से लेकर अभी तक की सभी भर्तियों को अवैध ठहरा चुकी है, तो कार्रवाई सिर्फ 2016 के बाद वालों पर ही क्यों की गई।

आरोप लगाया कि, अपने करीबियों को बचाने को सिर्फ कुछ लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया गया है।

यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि, वर्ष  2016 के बाद की भर्तियां अवैध हैं तो उससे पहले की भर्तियां वैध कैसे हैं।

कहा कि, भर्तियों की जांच के लिए बिठाई गई कोटिया कमेटी ने जब सभी भर्तियों को अवैध माना था तो फिर रितु खंडूरी ने सिर्फ 2016 के बाद की भर्तियों पर ही कार्यवाही क्यों की।

कोटिया कमेटी ने एक सिरे से सभी भर्तियों को अवैध बताया है। उन्होंने पूरे भर्ती घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने मांग की है। सेमवाल ने दोषी अधिकारियों और नेता पर भी कार्यवाही की मांग की है।

स्पीकर पर सिर्फ चुनिंदा लोगों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।

इसे दुर्भाग्यपूर्ण और भेदभाव भरा निर्णय बताया। कहा कि, विधानसभा में नियुक्ति देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और विधानसभा अध्यक्षों पर कोई कार्यवाही ना करके सिर्फ 2016 के बाद के कर्मचारियों को बर्खास्त करना कहीं से भी नीति संगत नहीं है।

एक ओर विधानसभा अध्यक्ष अपने स्टाफ में बिना चयन प्रक्रिया के दूसरे राज्यों से लोगों को तैनात कर रही हैं, वहीं उत्तराखंड के निवासियों को नौकरियों से बर्खास्त कर रही हैं। यह भेदभाव पूर्ण रवैया जनता माफ नहीं करेगी।