एक्सक्लूसिव: आफत की बरसात में जनजीवन अस्त-व्यस्त। 42 मार्ग अवरुद्ध

आफत की बरसात में जनजीवन अस्त-व्यस्त। 42 मार्ग अवरुद्ध

नैनीताल। उत्तराखंड में आफ़त की बरसात कम होने का नाम नहीं ले रही है। लगातार मूसलाधार बरसात रुक-रुक कर अब लोगों को आफत में डालने लगी है। नैनीताल जिले में भी बारिश का खासा असर देखने को मिला है।

पिछले 48 घंटे से हो रही बरसात के कारण नैनीताल जिले में 6 राजमार्ग, 2 मुख्य जिला मार्ग सहित 42 रास्ते बंद हैं, जिस वजह से आवागमन प्रभावित हुआ है। रास्तो की बात की जाए तो गर्जिया से बेतालघाट राजमार्ग संख्या 71 बंद है।

इसके साथ ही काठगोदाम से सिमलिया बैंड तक राजमार्ग संख्या 103 बंद है। इसी तरह कुकरागाड़ से डालकन्या तक भवाली में राजमार्ग संख्या 104 बंद है। इसी प्रकार रामनगर बेतालघाट राजमार्ग संख्या 83 बंद है और भूस्खलन की वजह से रामनगर-भण्डापानी- ज़हना- रिची वाला राजमार्ग संख्या 71 भी बंद है।

इसी तरह गर्जिया बेतालघाट उड़ा खान राजमार्ग संख्या 82 भी बंद है भूस्खलन से ही अमृतपुर बानना- बबियाड़ मुख्य जिला मार्ग भी बंद है तथा भुजान बेतालघाट मुख्य जिला मार्ग भी बंद है। साथ ही 34 आंतरिक मार्ग भी भूस्खलन की वजह से बंद हैं।

नैनीताल जिले में पिछले 48 घंटे से लगातार मूसलाधार बरसात जारी है इस वजह से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। पहाड़ी और मैदानी काश्तकारों के लिए भी बुरी खबर है कि, फसलें चौपट हो गई हैं।

मैदान में जहां धान तथा अन्य फसलें लगातार बरसात से संकट में हैं तो वहीं पहाड़ी इलाकों की फसलों पर भी इस बरसात ने बुरा प्रभाव डाला है। अगर आंकड़ों की बात करें तो पिछले 24 घंटे में नैनीताल जिले में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे में नैनीताल स्नोव्यू इलाके में 103 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि हल्द्वानी काठगोदाम में 95 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही को कोस्या कुटोली में 122 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड की गई है।

धारी में 75 मिलीमीटर बरसात हुई है, इसके साथ ही बेतालघाट में भी 84 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है और कालाढूंगी में 59 मिलीमीटर बरसात हुई है। इसके अलावा रामनगर में सबसे कम 19 मिलीमीटर जबकि मुक्तेश्वर में भी रिकॉर्ड तोड़ 103 मिलीमीटर बरसात हुई है।

इसके अलावा सड़कों की बात करें तो लगभग 42सड़कें जिनमें आंतरिक मार्ग, राज्य मार्ग हैं वह बंद है जिन में भूस्खलन हुआ है और सरकारी मशीनरी यानी जेसीबी से इन सड़कों को खुलवाने का काम किया जा रहा है।

वही नदियों में पानी डिस्चार्ज की बात करें तो गौला नदी में 17064 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। जबकि कोसी बैराज से 12983 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है।