गजब: खोखले दावों का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण। सरकार पर टिकी निगाहें

खोखले दावों का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण। सरकार पर टिकी निगाहें

– 500 मीटर की दूरी के लिए 5 किमी का कर रहे सफर

ऋषिकेश। यमकेश्वर प्रखंड के ग्राम पस्तौड़ा के ग्रामीण अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां के ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों व सरकार की उम्मीदों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यहां सबसे बड़ी समस्या है, आगमन!

इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण यहां हेवल नदी पर लंबे समय से स्थायी पुल की मांग कर रहे है। 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए ग्रामीणों को 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए हेवल नदी पार करनी पड़ती है।

सामान्य दिनों में नदी पार करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, क्योंकि पानी बहुत कम होता है। लेकिन मानसून के मौसम में यह नदी उफान पर होती है। लक्ष्मण झूला नीलकंठ मोटर मार्ग पर लक्ष्मण झूला से 10 किलोमीटर दूर भटूटूगाड़ है। इस गांव में करीब 20 परिवार रहते हैं। आज तक इस गांव में सड़क की सुविधा नहीं है।

गांव तक पहुंचने के लिए गांव वाले भटूटूगाड़ के पास हेवल नदी पर एक अस्थायी पुल का निर्माण करते हैं। लेकिन बारिश के मौसम में नदी के उफान पर होने पर यह पुलिया बह जाती है।

जबकि सामान्य दिनों में नदी में पानी कम होता है, ऐसे में लोग नदी से होकर गुजरते हैं। लेकिन मानसून के मौसम में नदी का बहाव तेज हो जाता है। इस दौरान स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार कर जाते हैं। जबकि स्कूली बच्चे इस दौरान घर पर ही रहते हैं।

पर्यटन का हब बनता जा रहा हेंवल घाटी, यहां गरुड़ चट्टी से लेकर नैल तक करीब 300 से 400 कैंप चल रहे हैं। इस गांव में कोई जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर यहां पुल बन जाता है, तो लोगों को राहत मिलेगी।