रिखणीखाल प्रखंड के सीमांत गाँव में अज्ञात जंगली जानवर का आतंक। दहशत में ग्रामीण

रिखणीखाल प्रखंड के सीमांत गाँव में अज्ञात जंगली जानवर का आतंक। दहशत में ग्रामीण

रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल। रिखणीखाल के अन्तर्गत ग्राम सिलगाव में 10-15 दिन के अन्दर अज्ञात किस्म का जंगली जानवर, जो गुलदार व शेर की मिश्रित प्रजाति का लगता है, ने गाँव में 6-7 पालतू पशु गाय, बछिया, बैल, बकरी आदि को अपना निवाला बना चुका है।

ये जंगली जानवर रात में गौशाला (छन्नी) के दरवाजे तोड़कर या पठाले निकालकर गौशाला में घुस रहा है तथा बाहर खींचकर उनका खून चूसकर छोड़ दे रहा है।अधिकतर गौशालाये घरों से दूर है तथा रात में गाँव में व गोशालाओं में घना अंधेरा पसरा रहता है।

अब तो ये मानव जीवन के लिए भी खतरा बना है। ग्रामीण इसके भय के मारे डरे सहमे हैं तथा घरों से बाहर आने में कतरा रहे हैं।

ये जानकारी हमें ग्राम सिलगाव के प्रधान सतपाल ने दी तथा जिनके पशु इस जंगली जानवर का शिकार हुए हैं उनमें विवेक सिंह रावत, लक्ष्मी देवी, गीता देवी, दिक्का देवी आदि हैं। लोग डर के मारे रात में सो नहीं पा रहे हैं। भय का माहौल बना हुआ है। लगभग इस इलाके के आस पास के गाँवों में यही स्थिति बनी है।

ग्रामीण कहते हैं कि, कहाँ, किसको शिकायत करें। कोई सुनने वाला नहीं है। सबका ध्यान चुनाव की ओर है, गाँव की परेशानी से किसी को कोई मतलब नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो ग्रामीण चुनाव में क्या गुल खिलाते हैं। ये तो समय ही बतायेगा।

जब गाँव व ग्रामीण खुशहाल होगे तभी तो समृद्धि व खुशहाली आयेगी। गाँव में रात में अंधेरा पसरा रहता है, मल-मूत्र त्यागने के लिए भी बड़ी परेशानी है, कहीं गुलदार आक्रमण न कर ले। गाँव के लोगों की जान-माल व पशुधन की किसे परवाह है।

ग्रामीणो की मांग है कि, उन्हे व पशुओं को इन जंगली जानवरों से निजात दिलाये व रात में प्रकाश के लिए गाँव में अतिरिक्त सोलर पावर लाइट लगाने का प्रबंध करे। जिससे गाँव में रात में उजाला रहे तथा जंगली जानवर एकदम से धावा न कर सके।

अब देखते है कि, शासन-प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है या चुनाव पर ही लीन रहता है। पहले मानव जीवन व पशुधन को बचाये।