Breaking: लूटकांड को अंजाम देकर दून पुलिस को ललकारते बदमाश

लूटकांड को अंजाम देकर दून पुलिस को ललकारते बदमाश

 

देहरादून। दिन-दहाड़े प्रेमनगर लूटकांड को अंजाम देकर दून पुलिस को बदमाश ललकारते है। कप्तान खुद सामने से लूटकांड के खुलासे, बदमाशों की पकड़-धकड़ और 100 परसेंट रिकवरी को लेकर अपनी टीम के साथ मैदान में उतरते हैं। अपराधियों और पुलिस में चल रहा है, शह और मात का खेल, पुलिस बिन रही है जाल तो अपराधी हर कोशिश में होंगे कि, वो पुलिस के हर जाल को काट लूटे माल से काटें मौज।

 

 

कप्तान के साथ-साथ रात दिन एक कर रही है, अधिकारी और कर्मचारियों की टीम। लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों की हिम्मत तो देखिए कप्तान अरुण मोहन जोशी की मुहिम को पलीता लगा रहें है। कप्तान के भरोसे का कर रहें है कत्ल, टीम का सदस्य होने के बावजूद हर कदम और रणनीति को कर रहे हैं लीक

 

चालाक लूटेरे कैसे आएंगे कब्जे में जब पुलिस के अपने ही कर रहे हैं भीतरघात, लीक कर रहें हैं पल-पल की कार्रवाई और जानकारी। कप्तान साहब क्या ऐसे खुल पाएगी लूट? जब बदमाश होंगे पकड़ से दूर, पकड़ने वाली टीम के कुछ सदस्य हो जाएंगे मगरूर, अपने संबंधों और निजी फायदे के लिए करने लगेंगे कार्रवाई को लीक, तो क्या बाकी टीम के सदस्य नहीं हो जाएंगे मजबूर?

 

 

अहम सवाल

क्या यही है उत्तराखंड पुलिस की कार्येपरणाली? क्या बदमाशों के चैलेंज का ऐसे देगी पुलिस जवाब? क्यों भितरघातियों को चिह्नित करके उनपर नहीं हो पा रही कोई कार्रवाई? आखिर क्या है मजबूरी? क्या भितरघाती है इतने रसूखदार? या हैं किसी बड़े अधिकारी के वरदहस्थ?