तीन पूर्व मुख्यमंत्रीयों को नोटिस जारी, हाइकोर्ट ने मांगा तीन हफ्तों में प्रदेश सरकार से जवाब
देहरादून। प्रदेश उत्तराखण्ड में मा० उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवासीय भत्ते ऑर्डिनेंस लाकर माफ करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुनते हुए पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी संग अन्य तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया है।
खण्डपीठ ने त्रिवेन्द्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि, देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी, जिसमें राज्य सरकार ने 5 सितंबर 2019 को ऑर्डिनेंस लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया किराए को माफ कर दिया था।
बताते चलें कि, इससे पूर्व मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री स्व० नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड भुवन चंद्र खंडूड़ी, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, और पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक’ को घर खाली कर ब्याज समेत बाजार मूल्य से किराया भरने को कहा था।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व० नारायण दत्त तिवारी को नोटिस की श्रेणी से बाहर किया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता के तथ्यों के आधार पर त्रिवेन्द्र सरकार को तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
यह भी बता दें कि, न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के राज्यपाल बनने के बाद नोटिस जारी नहीं होने का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल बनने के बावजूद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी नोटिस जारी करने को कहा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।