केन्द्रीय मंत्रिमंडल से निशंक की सदस्यता रद्द कराने के संबंध में लगाई राष्ट्रपति से गुहार
देहरादून। हद्विार लोकसभा के सांसद और भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की मंत्री के रूप में ली गई शपथ को अमान्य करार देने को लेकर के राष्ट्रपति से मनीष वर्मा ने गुहार लगाई है।
बता दें कि, 27 अगस्त 2019 को यह शिकायती पत्र राष्ट्रपति भवन में रिसीव हो चुका है। शिकायतकर्ता मनीष वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई कि, रमेश पोखरियाल निशंक ने 30 मई 2019 को जब कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो उन्होंने, अपने नाम से पहले डाक्टर शब्द का इस्तेमाल किया, जबकि 17 जून 2019 को जब संसद भवन में सांसद के रूप में शपथ ली तो उस दिन डॉक्टर हटा दिया था।
मनीष वर्मा ने निशंक पर आरोप लगाया है कि, हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक न तो डॉक्टर हैं, और न ही उन्होंने डाक्टरेट किया है, और जिस विश्वविद्यालय से वह डाक्टरेट होने की बात लिखते हैं, वह विश्वविद्यालय तक फर्जी है।
मनीष वर्मा ने इस संदर्भ में निशंक के बारे में विभिन्न शिकायतों का भी जिक्र किया है। मनीष वर्मा द्वारा की गई कई गंभीर शिकायतों के बाद अब सबकी निगाहें राष्ट्रपति भवन पर टिक गई हैं कि, आखिरकार राष्ट्रपति कब तक इस मसले पर कुछ निर्णय देते हैं।
बहरहाल, सबकी निगाहें अब रमेश पोखरियाल निशंक के भविष्य और राष्ट्रपति के आदेश पर टिक गई हैं।