निकाय कर्मियों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करें शासन
– अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधियाचन प्रेषित करने का है मामला
– वर्षों से संविदागत व बोर्ड द्वारा रखे गए कर्मचारियों का भविष्य भी अधर में
विकासनगर। बीते कुछ माह पूर्व शहरी विकास विभाग, उत्तराखंड शासन द्वारा रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने हेतु अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रेषित किए जाने की बात कही गई है। हैरानी की बात यह है कि, शासन व शहरी विकास निदेशालय के पास कार्मिकों की संख्या, स्वीकृत पदों के सापेक्ष कार्यरत नियमित अथवा संविदागत कर्मचारियों का विवरण व उनकी संख्या का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। जब विभाग के पास कोई डाटा ही नहीं है तो अधियाचन किस मामले में भेजा गया है तथा कितने कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने हेतु भेजा गया।
शासन ने गेंद निदेशालय के और निदेशालय ने निकायों के पाले में डाली
उक्त प्रकरण में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, बड़े दुर्भाग्य की बात है कि, कई-कई वर्षों से मामूली वेतन पर निकायों में सेवा दे रहे संविदागत तथा बोर्ड द्वारा रखे गए कर्मियों की भी सुध सरकार को नहीं है। भारत के संविधान के 74 वे संशोधन में पालिकाओं को असीमित अधिकार देने की बात कही गई है, यानी एक तरह से पालिकाओं को स्थानीय सरकार भी कहा जाता था। उक्त मामले में शासन ने पल्ला झाड़ कर मामला निदेशालय की ओर तथा निदेशालय ने निकायों की ओर सरकार इतिश्री कर ली। मोर्चा जल्द ही कर्मचारियों की मांगों एवं उनकी समस्याओं को लेकर शासन में दस्तक देगा।