देहरादून में 87 वर्षीय रिटायर्ड अध्यापिका से 32.17 लाख की ठगी, 11 दिन ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून में साइबर ठगों ने पुलिस की वर्दी और कानून का भय दिखाकर 87 वर्षीय सेवानिवृत्त अध्यापिका से 32.17 लाख रुपये ठग लिए।
खुद को मुंबई के कोलाबा थाने का अधिकारी बताने वाले ठगों ने बुजुर्ग महिला को 11 दिन तक कथित “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और गिरफ्तारी की धमकी देकर उनके बैंक खातों से लगातार पैसे ट्रांसफर कराते रहे। शिकायत पर साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पीड़िता सुषमा पंत, निवासी कैंट क्षेत्र, ने बताया कि 19 नवंबर को उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। थोड़ी देर बाद उसी नंबर से वीडियो कॉल कर एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में दिखाई दिया।
उसने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताते हुए कहा कि विदेश में उनका बेटा एक आपराधिक मामले में पकड़ा गया है और उसके फोन से “संवेदनशील दस्तावेज” मिले हैं।
इसके बाद ठग ने उन्हें धमकी दी कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है और घर से बाहर जाना मना है। भय का माहौल बनाकर उनके बैंक खाते की जानकारी हासिल की और 19 नवंबर को 27.12 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए।
अगले दिन, 20 नवंबर को ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के नाम पर फर्जी पत्र भेजा और टैक्स के नाम पर 2.05 लाख रुपये और जमा कराए। 26 नवंबर को 3 लाख रुपये, और 29 नवंबर को केस बंद न करने की धमकी देकर 7 लाख रुपये और मांगे गए।
रिश्तेदार से बातचीत करने पर जब ठगी का पता चला, तो बुजुर्ग महिला पुलिस के पास पहुंचीं। उनका कहना है कि वह अपने भी बुजुर्ग पति के साथ अकेली रहती हैं और डर के कारण अपने तथा पति दोनों के खातों से पैसे भेजती रहीं।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और लोगों से अपील की है कि ऐसे किसी भी कॉल या वीडियो कॉल पर विश्वास न करें तथा तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।


