क्या सिर्फ बंगालियों को मिले ST का दर्जा: संजय भट्ट

कांग्रेस प्रवक्ता संजय भट्ट

क्या सिर्फ बंगालियों को मिले ST का दर्जा……

– अजय भट्ट चचा बौरा गए, इन्हें तो उत्तराखण्ड से बाहर भेजना चाहिए?

 

आरटीआई एक्टिविस्ट, संजय भट्ट…
देहरादून।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से सांसद अजय भट्ट ने संसद के प्रश्नकाल में उत्तराखण्ड में रहने वाले बंगालियों का ST आरक्षण का मुद्दा उठाया और तृणमूल के सांसद ने भी उनका समर्थन किया।

 

वैसे अजय भट्ट जी मेरी ही जात के ब्राह्मण ठेरे, वो अजय भट्ट और मैं संजय भट्ट तो इस नाते चचा लगे मेरे। पर मैं उनके बयानों से इत्तेफाक नहीं रखता। जैसे एक बार रुड़की में बोले थे “पहाड़ के पंडित बिना शराब पिये मंत्र नहीं बोलते।” अभी कुछ दिन पहले तो संसद में कमाल ही कर गए, बोले- चमोली जिले की गरुड़ गंगा के पत्थर को घिस कर उसका पानी पीने से नॉर्मल डिलीवरी (बिना ऑपरेशन के बच्चा) होता है। महान शब्दों के लिए इन्हें भी मैसेज मिलना ही चाहिए।

 

लेकिन हम यहां पर चर्चा सिर्फ उत्तराखण्ड में ST (शेड्यूल ट्राइब) की कर रहे हैं। बाकी फिर कभी वहीं वनाधिकार आंदोलन के संयोजक और उत्तराखण्ड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पूरे उत्तराखण्ड को केंद्र की नौकरियों में आरक्षण के साथ-साथ 9 मांगो के लिए आंदोलनरत हैं। जबकि उत्तराखण्ड के चकराता, चमोली के कुछ हिस्से व धारचूला में ST (शेड्यूल्ड ट्राइब्स) आरक्षण पूर्व से ही दिया गया है।

 

अब बात उत्तराखण्ड की कर ली जाए। उत्तराखण्ड की कुल भूमि का 72% जंगल है, है या नहीं? 8% भूमि पर सरकारी दफ्तर कार्यालय या अन्य सरकारी शाम-दाम है। फिर सड़कें भी हैं, तो फिर नदियों की भी भरमार है, अपने प्रदेश उत्तराखण्ड में। तो इस हिसाब से हम उत्तराखण्ड के लोग उत्तराखण्ड के कुल क्षेत्रफल के लगभग मात्र 10% भूमि पर ही रहते हैं। आपको बता देना उचित रहेगा कि, उत्तराखण्ड की नदियों का पानी 60 करोड़ जनसंख्या को सिंचित करता है। वहीं उत्तराखण्ड के वनों से निकलने वाली ऑक्सीजन की सालाना कीमत करीब 107 लाख करोड़ है।

 

तो जब हमारे गांव, कस्बे, शहर, जंगलों से घिरे हुवे हैं तो, हम कौन हुए? हुए न वन प्रदेश के वासी? तो जब हम वनवासी अरण्यजन हैं तो, हमें STआरक्षण क्यों नहीं?

 

तो चचा अजय भट्ट जी पूरे उत्तराखण्ड के लिए ST (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण की बात कीजिये। वरना आपमें ये जो बंगाली प्रेम की उतपत्ति हुई है न ये आपको बाकी सभी नॉन बंगालियों का अपराधी बना देगी। आपके इन शब्दों के बाद तो भाजपाइयों की भाषा में कहें तो आपको तो पाकिस्तान यानी उत्तराखण्ड से बाहर भेज देना चाहिए। वैसे अजय भट्ट जी आपको याद दिला दूँ कि, आप पूरे उत्तराखण्ड प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष हो, न कि सितारगंज भाजपा अध्यक्ष।

उम्मीद है अजय भट्ट जी आपकी निंद्रा खुलेगी और आप सम्पूर्ण उत्तराखण्ड की बात करेंगे।