जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने NDMA को सौंपी अपनी प्राथमिक रिपोर्ट। पढ़ें….
- जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्रीफैब शेल्टर पूर्ण होने के चरण में।
- ढाक गांव, चमोली में प्रीफैब शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी।
- सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं।
- जोशीमठ में पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
- जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रूपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई।
देहरादून। सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यों की बुधवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रूपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित कर दी गई है।
जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए ) को सौंप दी है।
जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर पूर्ण होने के चरण में है। ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी है। सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि, जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 181 एलपीएम हो गया है। पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है।
उन्होनें जानकारी दी कि, गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 286 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 957 है।