पूर्व मुख्यमंत्री के बड़े भाई बोले, महाराज ने विकास कार्यों में मारे अड़ंगे
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
सतपुली। वैसे तो पूरी चौबट्टाखाल की जनता कह रही है कि, महाराज ने विगत पांच वर्षों में कोई विकास नही किया, जनता द्वारा हमेशा महाराज को पत्र दिए गए लेकिन महाराज ने उन पत्रों को कचरे के ढेर में डाला।
सच आज हम आपको बता रहे हैं, क्योंकि कई पत्र हमारे सामने दिये गए और कई बार हमारे द्वारा महाराज को पूछा गया तो वे केवल संज्ञान शब्द बोलते थे, संज्ञान नही लेते थे।
हद तो तब बनती है, जब भाजपा के ही लोग बोल रहे हैं कि, सतपाल महाराज का कार्यकाल बहुत बुरा रहा। उन्होंने कोई विकास नही किया, जी हाँ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बड़े भाई बृजमोहन रावत ने कहा कि, नाम के महाराज के पास लघु सिचाई व पर्यटन जैसा भारी भरकम विभाग रहा।
लेकिन उन्होंने कुछ नही किया, केवल अपने करीबियों का भला किया। मल्ला बदलपुर कौड़िया में उनके द्वारा कोई कार्य नही किया गया, यदि आज महाराज बोल रहे हैं। गुजर खंड पम्पिंग योजना, महाविद्यालय भवन खैरा सैन तो वे सब मुख्यमंत्री जी की देन है, इनकी नही।
इनके द्वारा तो एक संपर्क मार्ग तक नही बन पाया, जिस कारण ग्रामीणों ने इनके मुर्दाबाद के नारे लगाए।
दूसरी बात महाराज के घर के आगे बरसात में सड़क डामरीकरण हुआ जो तुरंत ही उखड़ गया। उसमें भी महाराज चुप रहे, रहते भी क्यो नही? उनके विभाग व उनके आगे पीछे घूमने वालों ने कमीशन पहले ही फिट कर दी थी।
अब आपको बताते हैं, सतपुली सिसलडी मोटर मार्ग की जिसके लिए महाराज के कार्यकाल शुरू होने पर ही डामरीकरण की मांग की गई थी, लेकिन उसे महाराज ने टल्लो में बदल दिया वो भी उन जगहों पर जहां जरूरत नही थी।
कांडा खाल सड़क निर्माण 36 लाख व मंदिर सौंदर्यीकरण 5 लाख महाराज के लोग डकार गए, क्योंकि यह महाराज की पुस्तिका में तो है, परन्तु धरातल पर नही है। जिस कारण आज भाजपा के एक छत्रप वोटरों के गांव कांडाखाल में इस बार लोग भाजपा नही बल्कि कांग्रेस या फिर आप को वोट करेंगे।
कांडाखाल में भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ता व स्थानीय प्रसिद्ध समाज सेवी गणेश रावत काफी समय से भाजपा से दूरी बनाए हुये है। कारण है कि, उनके द्वारा व वर्तमान में कार्य कर रहे अनिल रावत के द्वारा सैंकड़ो पत्र महाराज को दिये गए, लेकिन किसी भी पत्र का कोई असर नही हुआ।
वहीं इसी मार्ग पर व महाराज की फर्जी उपलब्धि पुस्तिका में दर्ज 97 लाख की सोलर पम्पिंग पेयजल योजना जो 2017 में बनी, वो मात्र दो माह चली उसके बाद अब तक बन्द है। कुछ दिन पहले महाराज की धर्मपत्नी यहाँ जनसभा करने आई थी, जिसमे मात्र 7 लोग आए थे, जिससे लगता है कि, यहाँ से महाराज को 10 वोट भी नही पड़ेगी।
अब स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता किस कार्य के आधार पर जनता से वोट मांगे इसी वजह से यहाँ से भाजपा नदारद है।