NDA के तमाम घटक दलों ने सौंपा समर्थन पत्र। मोदी ही बनेंगे प्रधानमंत्री
- 7 जून को राष्ट्रपति से मिलेंगे NDA सांसद, नीतीश-नायडू का भी मिला समर्थन
देहरादून। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इस चुनाव में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है लेकिन बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं।
हालांकि, सरकार बनाने के लिए बीजेपी की निर्भरता जेडीयू और टीडीपी पर है। उधर, कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन का भी जोश हाई है।
भले ही इंडिया गठबंधन पूर्ण बहुमत से कुछ दूर रह गया हो लेकिन उनके खेमे को नए सहयोगियों की मदद से मोदी को सत्ता से बेदखल करने की प्लानिंग जरूर हो रही है। इस पूरी कशमकश के बीच आज दिल्ली में एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन की बैठकें हो रही हैं। मोदी कैबिनेट अपना इस्तीफा सौंप चुकी है और नई सरकार गठन के लिए बीजेपी तैयारी कर रही है।
राष्ट्रपति ने NDA सांसदों को मिलने का दिया समय
राष्ट्रपति ने एनडीए सांसदों को मिलने का समय दे दिया है. 7 जून को राष्ट्रपति से सभी सांसद मिलेंगे। इसके लिए शाम 5 बजे से शाम 7 बजे तक का समय दिया गया है। उधर राजनाथ सिंह, अमित शाह और नड्डा सभी मिलकर सहयोगी दलों के साथ सरकार के स्वरूप पर चर्चा करेंगे।
NDA ने मोदी के नेतृत्व पर जताया भरोसा, बैठक में पारित प्रस्ताव में 21 नेताओं ने किया हस्ताक्षर
NDA के घटक दलों ने एक बार फिर सर्वसम्मति ने पीएम मोदी को अपना नेता चुन लिया है। बुधवार को पीएम आवास पर हुई बैठक में इसका प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव पर 21 नेताओं के हस्ताक्षर हैं।
इनमें टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि आज शाम एनडीए की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।
NDA को सभी घटक दलों ने समर्थन पत्र सौंपा
पीएम आवास पर हुई बैठक में एनडीए को सभी साथी दलों ने समर्थन पत्र सौंप दिया है। इसके साथ ही ये साफ हो गया है कि आज ही एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। राष्ट्रपति से मुलाकात के वक्त पीएम मोदी के साथ नायडू और नीतीश कुमार भी साथ हो सकते हैं।
राष्ट्रपति ने भंग की 17 वीं लोकसभा, कैबिनेट ने की थी सिफारिश
कैबिनेट की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 17 वीं लोकसभा भंग कर दी है। अब नई लोकसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू होग। इससे पहले ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर इस्तीफा सौंपा था। राष्ट्रपति ने इसे मंजूर कर लिया था।