हाईकोर्ट ब्रेकिंग: उघान विभाग में हुए करोडों के घोटाले पर CBI, सरकार समेत इन अधिकारियों को नोटिस। मांगा जवाब

उघान विभाग में हुए करोडों के घोटाले पर CBI, सरकार समेत इन अधिकारियों को नोटिस। मांगा जवाब

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उघान विभाग में हुए घोटाले की जाँच सी.बी.आई.या किसी अन्य एजेंसी से कराने संबंधी जनहीत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, सी.बी.आई., उघान अधिकारी नैनीताल और पूर्व निदेशक उघान सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सी.बी.आई.से पूछा है कि घोटाले के जो बिन्दु जनहीत याचिका में उठाए गये हैं क्या उनकी प्रारंभिक जांच हो सकती है या नहीं ? अगली तारीख तक न्यायालय को बताएं। न्यायालय ने मुख्य उघान अधिकारी कार्यालय द्वारा की गई खरीद और ब्रिक्री के सभी दस्तावेजों को सीज करने के आदेश भी दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होनी तय है।

न्यायालय ने याची से कहा है कि जो आरोप उन्होंने जनहित याचिका में लगाए हैं, उनकी एक प्रति सी.बी.आई.को दें। मामले के अनुसार दीपक करगेती ने जनहित याचिका दाखिल कर उघान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया है।

जनहीत याचिका में कहा गया है कि उघान विभाग में लाखों का घोटाला किया गया है, जिसमें फल और अन्य के पौंधारोपण में गड़बडियां की गई हैं। जनहीत याचिका में यह भी कहा गया है कि विभाग द्वारा एक ही दिन में वर्क आँर्ड़र जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पेड़ लाना दिखाया गया है, जिसका पेमेंट भी कर दिया गया। याचिका में कहा गया है कि इस पूरे मामले में कई वित्तिय व अन्य गड़बडियां हुई है जिसकी सी.बी.आई.या फिर किसी निक्षपक्ष जांच एजंसी से जांच कराई जाए।

शीतकालीन सत्र में निलंबित उद्यान निदेशक ने पहले एक नकली नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का काम देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया और जब उद्यान लगाओ उद्यान बचाओ यात्रा से जुड़े किसानों और उत्तरकाशी के किसानों ने जोर शोर से इस प्रकरण को उठाया तो आनन फानन में अनिका ट्रेडर्स के आवंटन को रद्द कर दिया गया। लेकिन, साथ में पौधे भी अनिका ट्रेडर्स के बांटे गए, इधर नैनीताल में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर बवेजा ने एक फर्जी आवंटन जम्मू कश्मीर की एक और नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया गया, जिसमें हुए भौतिक सत्यापन में भी गड़बड़ी का जिक्र याचिकाकर्ता ने किया है। बरकत एग्रो फार्म को इनवॉइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया, तो कहीं अकाउंटेंट के बिलों पर बिना हस्ताक्षर के ही करोड़ों रुपए ठिकाने लगा दिए।

जनहित याचिका में उत्तराखंड सरकार के सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण, उद्यान निदेशक, निलंबित उद्यान निदेशक बवेजा, संयुक्त उद्यान निदेशक गढ़वाल मंडल, संयुक्त उद्यान निदेशक कुमाऊं मण्डल, प्रभारी मुख्य उद्यान अधिकारी नैनीताल राजेंद्र सिंह, प्रभारी मुख्य उद्यान अधिकारी त्रिलोकी राय, बरकत एग्रो फार्म जम्मू -कश्मीर, विशाल नर्सरी हिमाचल प्रदेश को भी पक्षकार बनाया गया है।