अब कक्षा 1 व 2 के छात्रों को नहीं मिलेगा होमवर्क। बस्ते का भार होगा हल्का
देहरादून। कक्षा 1 व 2 के छात्रों को नहीं मिलेगा गृहकार्य, शिक्षा नीति के तहत बस्ते का बोझ कम करने की योजना। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत स्कूलों में महंगी किताबों का बोझ कम करने के साथ ही बस्ते का भार भी हल्का करने की तैयारी की जा रही है।
नए पाठ्यक्रम में पहली एवं दूसरी कक्षा के छात्रों को गृहकार्य नहीं दिया जाएगा। कक्षा तीन के छात्रों को केवल 2 घंटे का गृहकार्य।
उत्तराखंड शिक्षा विभाग, एससीईआरटी के साथ मिलकर पहली एवं दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम को इस प्रकार डिजाइन किया जा रहा है कि, छात्रों को पुस्तकों को कम से कम पढ़ना पढ़े और मौखिक रूप अधिक से अधिक ज्ञानवर्धक जानकारी मिल सके।
नई शिक्षा नीति में कक्षा तीन के छात्र-छात्राओं को केवल दो घंटे का गृहकार्य प्रति सप्ताह दिए जाने का प्रविधान हैचौथी एवं पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पूर्व के पाठ्यक्रम के मुकाबले कम गृहकार्य दिया जाना है।
प्राथमिक के छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम ज्ञानवर्धक, रोचक, आकर्षक आकृतियों से युक्त प्राकृतिक वस्तुओं, मानचित्र, कलाकृतियों के आधार पर बनाया जा रहा है। दरअसल, नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में कुछ परिवर्तन किया जा रहा है।
विशेषकर पहली से तीसरी कक्षा तक के गणित व विज्ञान के विषयों को रोजगार और सरल बनाया जा रहा है, ताकि छात्रों के मन में गणित और विज्ञान का भय न रहे। क्योंकि इन्हीं दोनों विषयों में आगे चलकर ज्यादातर छात्र-छात्राएं कड़ी मेहनत करते हैं और फिर भी अन्य विषयों के मुकाबले कम नंबर प्राप्त कर पाते हैं।