यहां सड़क का आधा हिस्सा टूटकर नदी में गिरा। आवाजाही ठप
रिपोर्ट: गिरीश चन्दोला
थराली विधान सभा के देवाल खेता-सियालकोट मोटर मार्ग पर पहाड़ी से भूस्खलन होने से सड़क का आधा हिस्सा टूटकर पिंडर नदी में समा गया, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गयी।
4 दिनों से लगातार पहाड़ी से हुए भूस्खलन से डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों का यातायात संपर्क देश दुनिया से टूट गया है।
पीएमजीएसवाई विभाग की सड़क पर भूस्खलन होने से विभाग की भी चिंता बड़ गयी है। भूस्खलन रुकने के बाद ही सड़क मार्ग खोलने का काम शुरू किया जाएगा।
3 दिन पहले ही भूस्खलन की चपेट में एक वाहन आया था जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ, जिसके बाद लगातार पहाड़ी से भूस्खलन होने का सिलसिला जारी है।
बड़े-बड़े पेड़ों के साथ बड़े-बड़े बोल्डर आने से सड़क का आधा हिस्सा टूटकर पिंडर नदी में जा गिरा, जिससे डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क देश-दुनिया से टूट गया है। वहीं आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है।
इसके अलावा इस क्षेत्र में खाद्यान्न सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हों गई हैं।जिससे इस क्षेत्र में समस्या बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा हैं।
पिंडारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष युवराज सिंह बसेड़ा, देवाल के पूर्व जेष्ठ प्रमुख हरेंद्र कोटेड़ी, खेता, मानमती के खिलाप सिंह दानू आदि ने बताया कि, भूस्खलन के कारण कोटेड़ा-सुयालकोट पैदल मार्ग जो कि क्षतिग्रस्त सड़क के ऊपरी भाग से गुजर रहा हैं। वह रस्ता भी भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया हैं।
मोटर सड़क क्षतिग्रस्त होने के बाद खेता मानमती के ग्रामीण इसी रस्ते से पैदल आ-जा रहें थें। किंतु पैदल रस्ता भी बंद हों जाने के कारण आने-जाने की चुनौती खड़ी हो गई हैं।
उधर, पीएमजीएसवाई के कर्णप्रयाग डिवीजन के अधिशासी अभियंता प्रमोद गंगाड़ी ने टेलीफोन पर बताया कि, सुयालकोट में सड़क का बढ़ा हिस्सा भूस्खलित हों कर नदी में समां गया हैं।
अभी भी पहाड़ी टूटने का सिलसिला लगातार जारी हैं और भूस्खलन का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। जिससे इस स्थान पर सड़क को खोलने का काम शुरू नही किया जा सकता हैं। भूस्खलन रूकने के बाद ही सड़क खोलने के उपाय खोजे जाएंगे।
जानकारों के अनुसार सुयालकोट भूस्खलन रूकने की फिलहाल संभावना नही दिख रही हैं। और जिस तरह से सड़क क्षतिग्रस्त हुई हैं उसे देख कर अनुमान लगाया जल्द इस स्थान पर मोटर गाड़ियों के लिए तों दूर पैदल एवं अश्व मार्ग बनाने में भी लंबा समय लग सकता हैं।
ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र के लोगों को आने वाले दिनों में और अधिक दक्कतों से दो-चार होना पड़ सकता हैं।