गजब: भीषण गर्मी में जनता पर पड़ी विद्युत कटौती की मार। बिजली पर आश्रित कारोबारियों का भी रोजगार पड़ा मंद

भीषण गर्मी में जनता पर पड़ी विद्युत कटौती की मार। बिजली पर आश्रित कारोबारियों का भी रोजगार पड़ा मंद

– काश ! सरकार ने वितरण एवं लाइन लॉसेस कम करने पर की होती कसरत
– मोर्चा द्वारा लगातार आगाह करने के बाद भी नहीं जागी सरकार

विकासनगर। ऊर्जा विभाग के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री है, लेकिन सरकार की अनुभवहीनता, अदूरदर्शिता एवं लापरवाही की वजह से भयंकर गर्मी के दिनों में जनता को विद्युत कटौती की वजह से मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।

उक्त प्रकरण में शुक्रवार को जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक वार्ता के दौरान कहा कि, बिजली पर आश्रित कारोबारियों एवं उद्योगपतियों को अपना कारोबार/उद्योग बंद कर इसकी वजह से भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, जिसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। सरकार का प्रबंधन पूरी तरह फेल हो चुका है।

नेगी ने कहा कि, मोर्चा पिछले कई माह से लगातार सरकार से वितरण एवं ए टी एंड सी हानियां यानी लाइन लॉसेस कम करने के लिए चेताता रहा, लेकिन सरकार सोई रही। वर्ष 2019-20 में वितरण हानियां 13.40 फ़ीसदी तथा ए टी एंड सी हानियां 20.44 फीसदी थी। मोर्चा के अथक प्रयास से बामुश्किल दो फ़ीसदी ही लाइन लॉसेस कम हो पाई।

सरकार की अनुभव हीनता का परिणाम आज जनता को भुगतना पड़ रहा है। कर्ज के सहारे चल रहे प्रदेश को बहुत महंगी दर पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है, जोकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को चौपट किये जा रहा है।

नेगी ने कहा कि, उत्तराखंड की धरती पर बड़ी-बड़ी जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित हैं तथा हर वक्त उत्तराखंड का जनमानस अपनी जान जोखिम में डाले रहता है। बावजूद इसके, ऊर्जा प्रदेश के लोगों को बिजली कटौती का सामना करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि, जब मुख्यमंत्री के विभाग का ये हाल है तो अन्य विभागों का क्या हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है। मोर्चा शीघ्र ही विद्युत कटौती के खिलाफ आंदोलन करेगा।